International Yoga Day 2021:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ झारखण्ड के लोगों ने किया ऑनलाइन योग,घर-घर लोगों में दिखा उत्साह

राँची।आज 21 जून को विश्व योग दिवस का उत्साह देश और विदेशों के साथ झारखण्ड में दिख रहा है।वहीं राजधानी राँची में भी देखने को मिल रहा है।लगातार दूसरी बार कोरोना संक्रमण काल में मनाए जा रहे सातवें योग दिवस की थीम योगा फॉर वेलनेस है,जिसका अर्थ है स्वास्थ्य के लिए योग।देश और राज्य में हाल में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लोगों ने महसूस किया कि योग कोरोना के इलाज में भी मदद करता है। इसे देखते हुए भारत सरकार की आयुष मंत्रालय ने इसे कोविड-19 के प्रोटोकॉल में भी शामिल किया है।

कोरोना संक्रमण के कारण इस बार भी योग कार्यक्रम का आनलाइन आयोजन किया जा रहा है। योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 6:30 बजे देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने लोगों को योग के महत्व को समझाया। उन्होंने अपने संबोधन में सबसे पहले लोगों को ये बताया कि कोरोना काल में योग कैसे हम सभी के लिए महत्वपूर्ण और जरूरी है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है।

दो वर्ष से दुनिया भर के देशो में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ हों लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है। दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस कोई उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है। इस मुश्किल समय में इतनी परेशानी में लोग इसे भूल सकते थे, इसकी उपेक्षा कर सकते थे। लेकिन इसके विपरीत, लोगों में योग का उत्साह बढ़ा है, योग से प्रेम बढ़ा है। प्रधानमंत्री के साथ लाइव योग कार्यक्रम में झारखण्ड के सभी जिलों से बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।

वहीं देश के राष्ट्रपति समेत कई दिग्जजों ने विश्व योग दिवस पर योगा कर लोगों को सन्देश दिया है।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्रपति भवन में योग किया।

प्रधानमंत्री ने योग दिवस पर क्या कहा:

प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है। 2 वर्ष से दुनियाभर के देशों में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित न हुआ हो लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह जरा भी कम नहीं हुआ है।

कोरोना के बावजूद इस बार की योग दिवस की थीम ‘योग फॉर वेलनेस’ ने करोड़ो लोगों में योग के प्रति उत्साह को और बढ़ाया। मैं आज योग दिवस पर ये कामना करता हूं कि हर देश हर समाज और हर व्यक्ति स्वस्थ हो। सब एकसाथ मिलकर एक दूसरे की ताकत बनें।

कोरोना के डेढ़ वर्षों में भारत समेत कितने ही देशों ने बड़े संकट का सामना किया। दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है। इस मुश्किल समय में इतनी परेशानी में लोग इसे आसानी से भूल सकते थे। लेकिन लोगों में योग का उत्साह और बढ़ा है।

करोना के अदृश्य वायरस ने जब दुनिया में दस्तक दी थी तब कोई भी देश साधनों से सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से इसके लिए तैयार नहीं था। ऐसे कठिन समय में योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना। योग ने लोगों में ये भरोसा बढ़ाया कि हम इस बीमारी से लड़ सकते हैं।

आज मेडिकल साइंस भी उपचार से साथ-साथ हीलिंग पर भी उतना ही बल देता है और योग हीलिंग प्रोसेस में उपकारक है। मुझे संतोष है कि आज योग के इस पहलू पर दुनियाभर के विशेषज्ञ अनेक प्रकार के साइंटिफिक रिसर्च भी कर रहे हैं।

योग से हमें अनुभव होता है कि हमारी विचार शक्ति, आंतरिक सामर्थ्य इतनी ज्यादा है कि कोई परेशानी,नकारात्मकता हमें तोड़ नहीं सकती।योग हमें स्ट्रेस से स्ट्रेंथ की ओर और नेगेटिविटी से क्रिएटिविटी का रास्ता दिखाता है। योग हमें अवसाद से उमंग और प्रमाद से प्रसाद तक ले जाता है।

जब भारत नें संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था तो उसके पीछे ये ही भावना थी कि योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो। इस दिशा में भारत ने संयुक्त राष्ट्र, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।अब विश्व को M-Yoga एप की शक्ति मिलने जा रही है।

इस ऐप में कॉमन योगा प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई वीडियो दुनिया की अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे। ये आधुनिक तकनीकी और प्राचीन विज्ञान के फ्यूजन का भी एक बेहतरीन उदाहरण है।