झारखण्ड केन्‍द्रीय विश्वविद्यालय में दिव्यांग सशक्तिकरण में मीडिया एवं अकादमिक सहयोग विषय पर वेबिनार का आयोजन

राँची।अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर झारखण्ड केंद्रीय विश्‍वविद्यालय एवं अली यावर जंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग डिसएबिलिटीज (दिव्यांगजन), मुंबई के संयुक्त तत्वाधान में एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया।”दिव्यांग सशक्तिकरण, मीडिया एवं अकादमिक सहयोग”,विषयगत इस वेबिनार की अध्यक्षता सीयूजे के प्रभारी कुलपति प्रोफेसर आर.के डे ने की। वेबिनार की शुरुआत में डॉ. विमल किशोर, डीन-जनसंचार विभाग द्वारा अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया गया । इसके पश्चात विश्वविद्यालय के समान अवसर प्रकोष्ठ के प्रमुख, प्रोफेसर देवव्रत सिंह ने ऐसे कार्यक्रम की जरूरत पर बल दिया।

वेबिनार को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि,अंग्रेजी विभागाध्यक्ष,दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल अनेजा ने शारीरिक,मानसिक या बौद्धिक अक्षमताओं से जुड़े हुए क्लासिक और आधुनिक ग्रंथों पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि से प्रतिभागियो को लाभान्वित किया। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, प्रो. अनिल अनेजा ने शुरुआत में “अधिकार से सशक्तिकरण: विकलांगता आंदोलन और इसकी चुनौतियाँ” पर अपना मुख्य भाषण दिया।

वेबिनार के अन्य विशिष्ट अतिथि, डॉ पी. जे. मैथ्यू मार्टिन, अली यावर जंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग डिसएबिलिटीज, मुंबई के मिडिया विभाग में कार्यरत हैंl अपने वक्तवय में इन्होंने दिव्यांग लोगों द्वारा सूचना, संसाधनों और अन्य सेवाओं तक पहुंचने में बाधाओं और उनके कल्याण के लिए बनाए गए कानूनों और मानदंडों आदि सहित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला।आगे प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों को सूचना, शिक्षा और अन्य सुविधाएं सुलभ और स्वीकार्य रूप में प्रदान की जानी चाहिए।


गौरतलब है की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक पहलुओं में दिव्यांग व्यक्तियों की स्थिति पर जागरूकता बढ़ाने के लिए, साल 1992 से हर वर्ष 3 दिसंबर को दिव्यांग दिवस का आयोजन किया जा रहा है।
इस ऑनलाइन वेबिनार का संयोजन , डॉ सुदर्शन यादव, सहायक प्रोफेसर, जनसंचार विभाग ने किया। वेबिनार में अस्सी से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।जिसमें स्नातक ,स्नातकोत्तर डिग्री, शोधार्थी और कई विश्वविद्यालयों से लोग शामिल थे। इस कार्यक्रम में राज बहादुर सिंह, प्रशांत सिंह, सुश्री पुष्पा ने सहयोग किया।डॉ हृषिकेश महतो ,डॉ सीमा ममता मिंज, डॉ नितेश भाटिया , डॉ अमृत कुमार, डॉ नागापवन चिंतलपति, डॉ महेंद्र सिंह, डॉ नरेश बुर्ला और श्री अब्दुल हलीम ने इस कार्यकर्म के सफल आयोजन में सह योग किया। सत्र के समापन में डॉ. राज बहादुर सिंह, सहायक प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग ने धन्यवाद ज्ञापित किया।