Jharkhand:नौसेना के जवान को पालघर में जिंदा जलाकर हत्या मामला;अधिवक्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र,मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग.

राँची।पलामू निवासी नेवी जवान का चेन्नई एयरपोर्ट से जिस तरह अपहरण हुआ और महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जलाया गया इस लोमहर्षक घटना से आहत होकर अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मांग किया है कि इस पूरे मामले में एक विस्तृत जांच की आवश्यकता है कि कहीं इस घटना का तार में आतंकवादी संगठनों का तो हाथ नहीं है?। पत्र में यह भी मांग किया गया है की इस मामले के दोषियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल करा कर कड़ी से कड़ी सजा हेतु प्रयास किया जाए। यह मामला पूरी तरह से रहस्यमय लग रहा है और इस मामले को लीपापोती करने में जिस तरह तमिलनाडु और महाराष्ट्र सरकार ने भूमिका निभाई है उस भूमिका की जांच करने की भी आवश्यकता है।झारखण्ड राज्य का यह होनहार ऑफिसर का रहस्यमय परिस्थिति में हत्या हो गया।यह घटना बाकी देश के सैनिकों को मनोबल को तोड़ने जैसा है। गौरतलब है कि घायल पलामू निवासी नेवी अफसर सूरज दुबे ने मरने से पहले पुलिस को अपहरण की बात बताई थी,अब यह देखना है कि जब पुलिस को अपहरण की बात बताई थी तो पुलिस ने इस संबंध में क्या कानूनी कार्रवाई किया और अभी तक किसी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई ? यह बात झारखण्ड को क्यों नहीं बताई गई ,झारखण्ड में आकर उनके माता-पिता को क्यों नहीं बताया गया?घटना में प्राथमिक दर्ज होने के बाद से अभी तक का पूरा ब्यौरा भी देखने का जरूरत है।एक देश की सेवा में लगे एक अफसर का चेन्नई एयरपोर्ट के बाहर रात को नौ बजे तीन लोगों अपहरण कर लेते हैं और दस लाख की फिरौती मांगते हैं नहीं मिलने पर जिंदा जला दिया गया है, यह कहानी कुछ पच नहीं रहा इस कहानी के पीछे कुछ और कहानी समझ में आ रही है जो सीबीआई जांच होने पर और भी अस्पष्ट हो जाएगी।

गृह मंत्री से यह भी आग्रह किया कि इस संबंध में तत्काल संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र और तमिलनाडु सरकार से इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी मांगी जाए और मामले में सीबीआई जांच कराने का भी आदेश देने की कृपा करें।साथ ही इसमें जो भी दोषी हो उनको फांसी की सजा हेतु प्रयास किए जाएं।पत्र की प्रतिलिपि केंद्रीय कानून मंत्री को भी दी गई।

क्या है मामला
सूरज दुबे 30 जनवरी को छुट्टी से घर लौट रहे थे, तभी चेन्नई हवाईअड्डे के बाहर रात करीब नौ बजे तीन लोगों ने बंदूक का भय दिखाकर उनका अपहरण कर लिया और 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी।दुबे को चेन्नई में तीन दिन बंधक बनाकर रखा गया, बाद में उन्हें महाराष्ट्र के पालघर जिले के तलासरी इलाके के वेवजी ले जाया गया. यह जगह मुंबई के नजदीक और चेन्नई से 1,400 किलोमीटर दूर है. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की सुबह अपहरणकर्ताओं ने दुबे के हाथ-पैर बांधे और घोलवाड़ के निकट जंगलों में उन्हें जिंदा जलाकर मरने के लिए छोड़कर फरार हो गए. दुबे को स्थानीय लोगों ने दहानु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया. पुलिस ने बताया कि उनका शरीर 90 प्रतिशत तक जल चुका था, उन्हें मुंबई स्थित नौसेना अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई. अधिकारी ने बताया कि दुबे ने मृत्यु पूर्व अपने बयान में पूरी कहानी बताई थी.

पालघर में नब्बे फीसदी जले मिले थे सूरज दुबे

नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि अपहरण की घटना के वक्त दुबे अवकाश पर थे और शुक्रवार को पालघर में 90 प्रतिशत जली हुई अवस्था में मिले. उन्हें नौसेना के अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपों में मामला दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. सूरज दुबे के पिता मिथलेश दुबे ने अपने बेटे के लिए न्याय की मांग की है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मरने से पहले मेरे बेटे ने बयान दिया था कि उसका अपहरण किया गया और तीन दिन तक बंधक बना कर रखा गया. इसके बाद अपहृता उसे पालघर लेकर आए और वहां जिंदा फूंक दिया. उन्होंने मीडिया से अपील की है कि बेटे का इंसाफ दिलाने में उनकी मदद की जाए।