Ranchi:गांव में संकट ना आये इसलिये दी जाती है बलि,चडरी सरना समिति ने दी भेड़ की बलि,गांव देवता की पूजा पूरे विधि विधान से की गई..

राँची।राजधानी राँची के चडरी में चडरी सरना समिति के द्वारा गांव देवता की पूजा पूरे विधि विधान से आनंद होटल के परिसर में संपन्न हुई। चडरी के पहान गुड्डू पहान ने पूरे विधि विधान से पूजा पाठ संपन्न किया। गुड्डू पहान ने गांव देवता को भेड़ा की बलि दी। साथ ही माला मुर्गा, रंगवा मुर्गा, तांबी मुर्गी, करिया मुर्गी एवं अंडा की बलि देकर पूरे गांव की सुख समृद्धि एवं चडरी गांव से रोग दुख दूर होने की कामना की। चडरी सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि आदि काल में जब हमारे पूर्वज ने ग्राम बसाए तो अपनी सुरक्षा के लिए, अपने मवेशियों और अपने खेत खलियान की सुरक्षा के लिए, अपनी सुख समृद्धि के लिए गांव देवता का आह्वान कर उन्‍हें एक निश्चित जगह में स्थान दिया।गांव देवता का पूरे झारखण्ड के सभी क्षेत्रों में किसी ना किसी रूप में पूजा आराधना किया जाता है।

राँची के इर्दगिर्द हल गाड़कर गांव देवता का स्थान एवं प्रतीक मानकर प्रत्येक वर्ष विशेष अवसरों पर बलि देकर पूजा की जाती है। उन्होंने बताया कि 3 वर्षों में ग्रामीणों की उपस्थिति में भेड़ा एवं मुर्गा-मुर्गी की बलि देकर टहरी बनाकर सभी उपस्थित ग्रामीणों को प्रसाद का ग्रहण कराते हैं। कहीं-कहीं प्रत्येक वर्ष या 3 वर्षों में भेड़ा या बकरा की बलि दी जाती है। जब कभी ग्राम में संकट होता है तो ग्राम देवता से अर्जी विनती की जाती है। इससे ग्राम का संकट दूर हो जाता है।

चडरी सरना समिति के महासचिव रवि मुंडा ने कहा कि आने वाले वर्षों में इस पूजा को और भी धूमधाम से मनाया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ियां के लिए अपने पूर्वजों की याद में कोई भी कमी नहीं हो तथा इस आधुनिक युवा पीढ़ी भी अपने पूर्वजों की याद में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सबलू मुंडा, सुरेंद्र लिंडा, शंकर लिंडा, राजेश मुंडा, विक्की मुंडा, राहुल मुंडा, रामा मुंडा, बादल लिंडा, संजय लाकड़ा, छोटू पहान, रोहित पहान, कांति पहान,अर्जुन पहान, बाबू पहान,पइनभोरा दिपक मुंडा, मुन्ना मुंडा,) दीप हेमरोम, आकाश मुंडा, रंजन उरॉव, चीकू लिंडा, रविंदर कुमार, आनंद मुंडा, गोलू मुंडा, गुरु भगत, कल्लू नायक, भोलू मुंडा, आशीष मुंडा, जगेसर राम, वीरू मुंडा, बजरंग मुंडा, दीनू मुंडा, सोहन मुंडा, महेंद्र लिंडा, राजू बंगाली, पल्लू मुंडा, अनमोल राम, मंगल मुंडा,झीबरा उरॉव, चडरी एवं चडरी के इर्द-गिर्द के सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरुष उपस्थित थे।