राज्यसभा:प्रधानमंत्री ने किसानों से कहा एम एस पी था,एम एस पी है और एम एस पी रहेगा,खत्म कीजिए आंदोलन..

नई दिल्ली।कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन की तपिश के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्ष को जमकर घेरा, लेकिन साथ ही आंदोलनकारी किसानों से एक खास अपील भी की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि MSP था, MSP है और MSP रहेगा, किसानों को आंदोलन खत्म करना चाहिए.

‘MSP था, है और रहेगा…’
कृषि कानूनों के मसले पर पीएम मोदी ने कहा कि सदन में सिर्फ आंदोलन की बात हुई है, सुधारों को लेकर चर्चा नहीं की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब लाल बहादुर शास्त्री जी को जब कृषि सुधारों को करना पड़ा, तब भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. लेकिन वो पीछे नहीं हटे थे. तब लेफ्ट वाले कांग्रेस को अमेरिका का एजेंट बताते थे, आज मुझे ही वो गाली दे रहे हैं. पीएम ने कहा कि कोई भी कानून आया हो, कुछ वक्त के बाद सुधार होते ही हैं.

पीएम मोदी ने अपील करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों को समझाते हुए हमें आगे बढ़ना होगा, गालियों को मेरे खाते में जाने दो लेकिन सुधारों को होने दो. पीएम मोदी ने कहा कि बुजुर्ग आंदोलन में बैठे हैं, उन्हें घर जाना चाहिए. आंदोलन खत्म करें और चर्चा आगे चलती रहे. किसानों के साथ लगातार बात की जा रही है. पीएम मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि MSP है, था और रहेगा. मंडियों को मजबूत किया जा रहा है. जिन 80 करोड़ लोगों को सस्तों में राशन दिया जाता है, वो भी जारी रहेगा.

कृषि कानूनों पर विपक्ष को घेरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार समेत कई कांग्रेस के नेताओं ने भी कृषि सुधारों की बात की है. शरद पवार ने अभी भी सुधारों का विरोध नहीं किया, हमें जो अच्छा लगा वो किया आगे भी सुधार करते रहेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि आज विपक्ष यू-टर्न कर रहा है, क्योंकि राजनीति हावी है.

पीएम मोदी ने पढ़ा मनमोहन का बयान
पीएम मोदी ने सदन में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कथन पढ़ा, ‘हमारी सोच है कि बड़ी मार्केट को लाने में जो अड़चने हैं, हमारी कोशिश है कि किसान को उपज बेचने की इजाजत हो’. पीएम मोदी ने कहा कि जो मनमोहन सिंह ने कहा वो मोदी को करना पड़ रहा है, आप गर्व कीजिए. पीएम मोदी ने कहा कि दूध का काम करने वाले, पशुपालन वाले, सफल का काम करने वालों के पास खुली छूट है. लेकिन किसानों को ये छूट नहीं है.

आपको बता दें कि किसानों के आंदोलन को विपक्ष की ओर से लगातार हंगामा किया गया. हालांकि, राष्ट्रपति के अभिभाषण में ही समय को बढ़ाकर किसानों के मसले पर चर्चा की गई. सरकार की ओर से पहले भी कई बार किसानों से बात की जा चुकी है, हालांकि अभी बातचीत रुकी है. लेकिन अब पीएम मोदी के बयान के बाद एक बार फिर से उम्मीद जगी है.

“मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है ‘आंदोलनजीवी’। वकील, छात्रों, मजदूरों के आंदोलन में ये लोग नज़र आते हैं। ये पूरी एक टोली है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं और आंदोलन से जीने के लिए रास्ते खोजते रहते हैं:” प्रधानमंत्री मोदी

“कुछ लोग खासकर पंजाब के सिख भाईयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं, ये देश हर सिख के लिए गर्व करता है। कुछ लोग उनके लिए जो भाषा बोलते हैं, उनको गुमराह करने की कोशिश करते हैं इससे कभी देश का भला नहीं होगा”. प्रधानमंत्री मोदी

“भारत अस्थिर, अशांत रहे इसके लिए कुछ लोग लगातार कोशिश कर रहे हैं हमें इन लोगों को जानना होगा। हम ये न भूलें कि जब बंटवारा हुआ तो सबसे ज़्यादा पंजाब को भुगतना पड़ा, जब 1984 के दंगे हुए सबसे ज़्यादा आंसू पंजाब के बहे”: प्रधानमंत्री मोदी