लातेहार:5 लाख का इनामी नक्सली गिरफ्तार,गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई में मिली सफलता…..

लातेहार।झारखण्ड के लातेहार पुलिस ने गुप्त सूचना पर सटीक कार्रवाई कर माओवादी नक्सली कमांडर नागेश्वर भोक्ता उर्फ नेशनल गंझु को गिरफ्तार कर लिया।यह लातेहार जिले के बरियातू थाना क्षेत्र के झिरमतकोना गांव का रहने वाला है।गिरफ्तार नक्सली पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इसे गारू थाना क्षेत्र के मिर्चाइया जंगल से गिरफ्तार किया गया।

पुलिस के अनुसार लातेहार एसपी अंजनी अंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि माओवादी रीजनल कमांडर छोटू खरवार का दस्ता किसी घटना को अंजाम देने के लिए दारू थाना क्षेत्र के मिर्चाइया और इसके आसपास के जंगल में भ्रमणशील है। इस सूचना के बाद एसपी के निर्देश पर बरवाडीह एसडीपीओ वेंकटेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस की टीम गठित की गई और नक्सलियों के खिलाफ घेराबंदी कर छापामारी आरंभ की गई।पुलिस की टीम जैसे ही मिर्चाइया जंगल में पहुंची वैसे ही नक्सली जंगल का लाभ उठाकर वहां से फरार हो गए। भागने के क्रम में नागेश्वर भोक्ता दस्ते से बिछड़ गया और पुलिस के गिरफ्त में आ गया।पूछताछ के क्रम में नागेश्वर ने बताया कि वह छोटू खरवार के दस्ते में कमांडर के रूप में कार्यरत था।

शनिवार को एसपी ने बताया कि नेशनल गंझू और नागेश्वर भोक्ता की गिरफ्तारी के बाद जब उसकी छानबीन की गई तो पता चला कि वह 5 लाख रुपए का इनामी नक्सली है।एसपी ने बताया कि पूछताछ के क्रम में नेशनल ने पुलिस को यह भी बताया कि किसी घटना को अंजाम देने के लिए वे लोग जंगल में इकट्ठा हो रहे थे। लेकिन पुलिस के आने के कारण उनकी योजना असफल हो गई और सभी नक्सली वहां से भागने को मजबूर हो गए। बताया कि गिरफ्तार उग्रवादी नेशनल पर 12 से अधिक नक्सली हिंसा के मामले विभिन्न थाना क्षेत्र में दर्ज है।इसके अन्य अपराधिक इतिहास का पता लगाया जा रहा है।उन्होंने बताया कि नेशनल की गिरफ्तारी से माओवादियों को बड़ा नुकसान हुआ है।इससे छोटू खरवार का दस्ता भी कमजोर हुआ है।

नक्सलियों की गिरफ्तारी को लेकर इन दिनों लगातार छापामारी अभियान चलाया जा रहा है।उन्होंने बताया कि छोटू खरवार और उसके दस्ते के खिलाफ पुलिस की टीम लगातार छापेमारी की जा रही है।इसके लिए पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए छापामारी अभियान में डीएसपी वेंकटेश कुमार के अलावा गारू थाना प्रभारी सोनू कुमार, सब इंस्पेक्टर देवेंद्र कुमार, रंजन कुमार पासवान, अजीत कुमार समेत अन्य पुलिस अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही।