Jharkhand:बिना पोस्टमॉर्टम शव लौटाने के विरोध में ग्रामीणों ने किया घंटों सड़क जाम,सिविल सर्जन ने दोषी डॉक्टर को किया संस्पेंड….

खूँटी।झारखण्ड के खूँटी जिले में बिना पोस्टमार्टम के शव परिजनों को सौंपने का परिजनों और ग्रामीणों ने विरोध किया है। शुक्रवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने कर्रा-गोविंदपुर मुख्य मार्ग को घंटों जाम कर प्रदर्शन किया और व्यवस्था के खिलाफ नारेबाजी की। सूचना पर तोरपा विधायक कोचे मुंडा,सिविल सर्जन समेत कर्रा प्रखंड के सीओ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों को समझा-बुझाकर पांच घंटे बाद सड़क जाम हटाया गया। मामला जरियागढ़ थाना क्षेत्र का है।

बताया जाता है कि गुरुवार को जरियागढ़ पुलिस ने रेलवे ट्रैक के किनारे से एक शव बरामद किया था, जिसकी पहचान डहकेला निवासी पारस नाथ महतो के रूप में की गई।जांच के बाद पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। शुक्रवार को परिजनों को शव मिला और जैसे ही परिजनों ने प्लास्टिक में लिपटा शव देखा तो वे आक्रोशित हो गये। इसके बाद परिजनों और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर कर्रा-गोविंदपुर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया और नारेबाजी करने लगे।

सूचना पर जरियागढ़ पुलिस पहुंची लेकिन ग्रामीण सिविल सर्जन से बात करने पर अड़े रहे। ग्रामीणों का विरोध बढ़ता देख कर्रा प्रशासन के अनुरोध पर सिविल सर्जन मौके पर पहुंचे। इसके बाद तोरपा विधायक कोचे मुंडा समेत अधिकारी भी पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें उचित मुआवजा और आर्थिक सहायता देने का आश्वासन देकर रास्ता खुलवाया।सीओ ने तत्काल परिजन को 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी और सिविल सर्जन ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

गौरतलब है कि जरियागढ़ थाना क्षेत्र के डहकेला गांव निवासी ललन महतो के 19 वर्षीय पुत्र पारस नाथ महतो की बुधवार की देर रात ट्रेन से कटकर मौत हो गयी, हालांकि परिजनों ने हत्या की आशंका जतायी है और मामला दर्ज कराया है।जरियागढ़ थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया है।पुलिस ने जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। बताया जा रहा है कि परिजनों ने खुद ही पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर से शव का विच्छेदन न करने का अनुरोध किया था। जिसके बाद बिना पोस्टमार्टम किये ही शव भेज दिया गया। अगले दिन शुक्रवार को परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए शव सौंपने का आरोप लगाते हुए शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इधर सिविल सर्जन ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों और परिजनों से बात की।सिविल सर्जन नागेश्वर मांझी ने बताया कि लापरवाह डॉक्टर चन्द्रशेखर को निलंबित कर दिया गया है और विभागीय कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।