Jharkhand:चहेतों को प्रोत्साहन राशि लेने के मामले में स्वास्थ्य विभाग तिलमिलाया,डोरंडा थाने में विभाग के अपर सचिव ने दर्ज कराई विधायक पर प्राथमिकी

–विधायक सरयू राय द्वारा किया गया था प्रोत्साहन राशि चहेतो को देने का मामला उजागर

राँची।झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा अपने 59 चहेतों को प्रोत्साहन राशि लेने के मामले में स्वास्थ्य विभाग तिलमिलाया गया है। इस मामले में डोरंडा थाने में विभाग के अपर सचिव ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। उल्लेखनीय हो कि निर्दलीय विधायक सरयू राय द्वारा इस मामले का खुलासा किया गया था। विधायक सरयू राय ने बताया था कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा अपने 59 चाहे तो को कोरोना काल में करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया। अपर सचिव द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि विभाग के गोपनीय फाइलों को गलत तरीके से निकाला गया और उसे विधायक द्वारा सार्वजनिक किया गया। जबकि विभाग द्वारा विधिवत विभाग के गोपनीय दस्तावेजों को उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया था। आरोप लगाया गया है कि विभाग के किसी कर्मचारी की मिलीभगत से गुप्त दस्तावेजों को उन्हें गलत तरीके से उपलब्ध कराया गया है। दर्ज प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि विभाग के गोपनीय दस्तावेजों को उजागर कर विभाग की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। अतः इस मामले में जिन लोगों की मिलीभगत है उनका पता लगाकर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। आईपीसी की धारा 409/379/411/120B &420 के तहत डोरंडा थाने में केस दर्ज हो गया है।

क्या है मामला:

झारखण्ड के पूर्व मंत्री व निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर बड़ा आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने कोरोना काल में बेहतर काम करनेवाले स्वास्थ्यकर्मियों को एक महीने का मूल वेतन प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का फैसला किया था।पर, बेहतर काम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्वयं एक माह का अतिरिक्त वेतन लिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने प्रोत्साहन राशि खुद तो ली ही, दो आप्त सचिवों, निजी सहायकों, चर्या लिपिकों, कंप्यूटर ऑपरेटरों, सहायकों, आदेश पालकों, 8 वाहन चालकों, 4 सफाई कर्मियों और मंत्री की सुरक्षा में लगे 34 अंगरक्षकों समेत 60 लोगों को भी प्रोत्साहन राशि दिलाई। इस पर सरकार का कुल 62 लाख 99 हजार 728 रुपये खर्च हुए। यह बात अलग है कि मंत्री के शहर जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में अनुबंध पर काम करनेवाले स्वास्थ्यकर्मियों को आज तक भुगतान नहीं किया गया है।