जीएसएससी पेपर लीक मामला:प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच शुरू,इधर जीएसएससी के पदाधिकारियों ने एसआईटी पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप,मुख्य सचिव को लिखा पत्र….

राँची।जेएसएससी पेपर लीक मामला में जेएसएससी के पदाधिकारियों ने राँची आईजी आवास में एसआईटी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इसे लेकर जेएसएससी के पदाधिकारियों ने गुरुवार को मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। लिखे पत्र में कहा है कि 28 जनवरी को जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा ली गई थी। जिसमें पेपर लीक होने की घटना आमने आई।जिसके बाद परीक्षा को रद्द कर दी गई। परीक्षा में संज्ञान में आए अनियमितता में सरकार के द्वारा गठित एआईटी द्वारा जांच की जा रही है।जांच में आयोग के सभी पदाधिकारी / कर्मी पूर्ण रूप से सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन गुरुवार को परीक्षा से संबंधित पदाधिकारियों को अपराधियों की भांति जोनल आईजी के आवासीय कार्यालय,राँची में बुलाया गया। जिसमें उक्त दोनों पदाधिकारियों द्वारा ससमय जांच में सहयोग के लिए उपस्थिति दर्ज कराई गई। परंतु वरीय पुलिस अधिकारियों द्वारा पूछताछ के क्रम में परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में संदिग्ध अपराधी का नाम बताने के लिए दबाव बनाया गया तथा अमर्यादित व्यवहार किया गया।उक्त घटना से आयोग कार्यालय के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी जो आयोग में प्रतिनियुक्त हैं, पूरी तरह से भयभीत हैं एवं कार्य करने में असहज महसूस कर रहे हैं।

इस कदाचार में आयोग के किसी पदाधिकारी/कर्मी की संलिप्ता नहीं

मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि आयोग के वर्त्तमान अध्यक्ष द्वारा मुख्य सचिव, कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग और प्रेस मीडिया को स्पष्ट सूचना दी गई है कि इस कदाचार में आयोग के किसी पदाधिकारी/कर्मी की संलिप्ता नहीं है। उनके द्वारा स्पष्ट किया गया है कि आयोग के तत्वावधान में आयोजित परीक्षाओं में ऑनलाईन आवेदन पत्र प्राप्त करने से लेकर परीक्षाफल तैयार करने तक की सारी प्रकियाएं आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से संचालित कराई जाती है। किन परीक्षार्थियों का परीक्षा केन्द्र कौन सा होगा, परीक्षा प्रश्नों का चयन कौन विशेषज्ञ करेंगे, प्रश्न कौन से होंगे, उनके उत्तर क्या होंगे, किस परीक्षार्थी को कौन सा प्रश्न सेट उत्तरित करने के लिए दिया जायेगा, ऐसे किसी भी बिन्दु पर किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी संबंधित परीक्षा की समाप्ति तक आयोग के किसी भी स्तर के कर्मी या पदधारी को नहीं होती है।अध्यक्ष के स्पष्टीकरण के बावजूद आयोग के पदाधिकारी / कर्मी के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करना न्यायसंगत नहीं है।उक्त जांच के क्रम में किसी भी प्रकार की सूचना आवश्यक होने पर आयोग द्वारा जांच के लिए एसआईटी को पूरा सहयोग दिया जाएगा।

आयोग के अध्यक्ष नीरज सिन्हा की कार्यशैली से निराश

लिखे पत्र में उल्लेखनीय है कि आयोग के वर्त्तमान अध्यक्ष नीरज सिन्हा के द्वारा पदधिकारियों/ कर्मियों को किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जा रहा है। आयोग कार्यालय के सभी पदाधिकारी/कर्मी इनकी कार्यशैली से निराश हैं।गौरतलब है कि बीते 31 जनवरी को लगभग 5000 लोगों की भीड़ द्वारा आयोग कार्यालय में हिंसक प्रदर्शन किया गया था।जिससे आयोग कार्यालय की संपति को क्षति पहुँचाया गया और तोड़ फोड़ किया गया था ।आए दिनों अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षाओं के संबंध में आयोग कार्यालय में धरना दिया जाता रहा है।इसके प्रति सरकार के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे आयोग कार्यालय के पदाधिकारी/कर्मी मर्माहत हैं।