बिटिया का क्या कसूर था ?जमशेदपुर में आत्मदाह के सात दिनों बाद छात्रा की मौत…

झारखण्ड के जमशेदपुर में नकल के आरोप में कपड़े उतरवा कर जांच करने के बाद आत्मदाह करने वाली छात्रा की गुरुवार को मौत हो गई। सात दिनों तक जिंदगी के लिए जंग लड़ने वाली पीड़िता TMH में भर्ती थी।छात्रा की मौत की खबर के बाद जिला प्रशासन की ओर से टीएमएच की सुरक्षा को लेकर जवानों की तैनाती की गई थी।बता दें शारदामणि गर्ल्स हाई स्कूल में नकल के आरोप में टीचर ने सबके सामने कपड़े उतरवा कर छात्रा की जांच की थी। इस घटना के बाद छात्रा इतनी परेशान और शार्मिंदा हो गई कि उसने घर पहुंच कर खुद को आग लगा ली थी।

तब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने परिजनों से मुलाकात की थी और बेहतर इलाज का भरोसा दिया था। उन्होंने कहा था कि बेहतर इलाज के लिए किसी दूसरे राज्य भेजना पड़ा तो सरकार पूरी मदद करेगी। रविवार को मंत्री बन्ना गुप्ता TMH पहुंचे और छात्रा की स्थिति का जायजा लिया था। परिवार वालों को बेहतर इलाज का भरोसा देते हुए उन्होंने कहा, संपूर्ण इलाज की व्यवस्था सरकार करेगी। साथ ही कहा था कि अगर जरूरत पड़ी, तो छात्रा के बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर बाहर भेजा जाएगा। पीड़िता का बेहतर इलाज चल रहा था लेकिन वह लगभग 95 प्रतिशत जल गई थी। गंभीर हालत में ही उस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

शारदामणि गर्ल्स हाइस्कूल की शिक्षिका को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। शिक्षका के खिलाफ स्कूल के दूसरे बच्चों ने भी शिकायत की है। बच्चों ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी वह छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार कर चुकी हैं।

इधर बेटी की मौत की जानकारी मिलने के बाद से मां सरस्वती मुखी की स्थिति बिगड़ गयी। मां का रो-रोकर बुरा हाल था। उपायुक्त विजया जाधव जब छात्रा की मां को ढाढ़स बंधाने और गले लगने के लिए आगे बढ़ी, तो सरस्वती मुखी हाथ जोड़ते हुए बस एक ही बात बोलती रही. कहा कि मेरी बेटी को इंसाफ दिला दिजिए मैडम. मेरी बेटी कि क्या गलती थी मैडम, मैं अपनी बच्ची को बचा नहीं सकी. यह कहते हुए मां दहाड़ मार रोने लगी. मां की यह स्थिति देख मौजूद सभी लोगों के आंखों में भी आंसू आ गया।

शव के पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया. पोस्टमार्टम शाम पांच बजे तक होने का नियम है, लेकिन विशेष परिस्थिति और उपायुक्त के आदेश पर रात में ही पोस्टमार्टम कराया गया. तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड में गायनिक, फॉरेंसिक और सर्जरी के डॉक्टर शामिल थे. पोस्टमार्टम पर किसी तरह का सवाल न उठे इसके लिए उसकी वीडियोग्राफी करायी गयी. पोस्टमार्टम के बाद शव को एमजीएम पोस्टमार्टम हाउस के शीतगृह में रख दिया गया. इस दौरान पोस्टमार्टम हाउस में एसडीओ, एडीएम और सीतारामडेरा थाना प्रभारी मौजूद रहे।

छात्रा के शव का आज शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जायेगा। पोस्टमार्टम से शव लाने के बाद छायानगर निवास स्थान से सुबह 11 बजे शव यात्रा निकलेगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए शव यात्रा और अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस बल की तैनाती की जायेगी ।

पीड़िता ने बयां की थी पूरी कहानी

आग लगाने वाली छात्रा ने खुद अपनी आपबीती बताई। उसी के शब्दों में पढ़िए। ‘मैं शारदामणी स्कूल में पढ़ती हूं। शुक्रवार को शुरू हुई टर्मिनल परीक्षा में साइंस का एग्जाम देने गई थी। शाम 4 बजे इंविजिलेटर चंद्रा दास ने मुझे यह कहते हुए पकड़ा कि मैं चीटिंग कर रही हूं। इसके बाद सभी के सामने उन्होंने मुझे तमाचा जड़ दिया। फिर सभी के सामने मेरे कपड़े उतरवा दिए।इससे पहले मैंने विरोध किया कि कपड़े के अंदर चिट नहीं है, तब उन्होंने कहा-तुम सयानी बनती हो, कपड़े उतारो। फिर वहां से मुझे प्रिंसिपल के कमरे में ले जाया गया। छुट्‌टी होने के बाद मैं अपने घर आ गई। इस घटना से इतनी शर्मिंदा थी कि मैंने बहनों को पड़ोसी के घर भेज दिया और कमरे में ही खुद को आग लगा ली।’

पूरा मामला

मामला सीतारामडेरा के छायानगर के शारदामणि गर्ल्स हाई स्कूल का है। आरोप है कि शुक्रवार को नकल के शक में टीचर चंद्रा दास ने रितू मुखी (15 साल) के कपड़े उतरवाकर जांच की। नौवीं की छात्रा इससे इतनी आहत हुई कि घर आते ही स्कूल ड्रेस में ही केरोसिन छिड़ककर खुद को आग लगा ली। आग की लपटों में घिरी छात्रा घर से निकलकर सड़क पर आ गई और बेहोश होकर गिर गई। लोगों ने पानी डालकर आग बुझाई। फिर तुरंत उसे एमजीएम अस्पताल ले गए। करीब 95 प्रतिशत जली होने के कारण उसे टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) रेफर कर दिया गया। स्कूल दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। परीक्षा भी फिलहाल स्थगित कर दी गई है।