Jharkhand:राज्य में अबतक सबसे बड़ा साइबर क्राइम का मामला,साइबर अपराधियों ने 10 करोड़ रुपये उड़ा लिए हैं.

गढ़वा।झारखण्ड मे अब तक का सबसे बड़ा साइबर क्राइम का मामला सामने आया है।ऐसे ये साइबर क्राइम है या घौटाला इसकी भी जांच जारी है।वहीं अधिकारियों माने तो ये साइबर क्राइम मामला है।यह मामला झारखण्ड के गढ़वा जिला का है।यहां साइबर अपराधियों ने 10 करोड़ रुपये उड़ा लिए हैं। ये पैसे किसानों को मुआवजा देने के लिए रखे गए थे। गढ़वा में साइबर अपराधियों ने एक साथ 10 करोड़ रुपये की ठगी की है।यह राशि जिले के खरौंधी थाना क्षेत्र के डोमनी नदी में बननेवाले बराज को लेकर विशेष भू-अर्जन विभाग में रैयतों को मुआवजा देने के लिए आई थी। इसे साइबर अपराधियों ने उड़ा लिया।इतने बड़ी ठगी के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जिले के खरौंधी थाना क्षेत्र में डोमनी नदी है।यहां पर राज्य सरकार ने बराज बनाने की स्वीकृति दी थी।इसका शिलान्यास 2014 में तत्कालीन विधायक ने किया था।आज इस योजना में सबसे बड़ा घोटाला साइबर क्राइम के अपराधियों ने किया है।

बराज के पास रहने वाले रैयत लोगों के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये का मुआवजा भेजा था. लेकिन उसमें से 10 करोड़ रुपये की अवैध निकासी किसकी मिलीभगत से हुई है यह किसी को अभी तक पता नहीं चल पाया है।ग्रामीण इसी आस में बैठे हुए हैं कि हमें कब मुआवजा मिलेगा लेकिन इन्हें पता ही नहीं कि यह रुपया घोटाले की भेंट चढ़ चुका है।

क्षेत्रीय विधायक भानु प्रताप साही ने जिला में आयोजित दिशा की बैठक में योजना के अधूरी रहने की बात उठाई तो यह घोटाला सामने आया।उन्होंने कहा कि यह गरीब किसान का पैसा था। ये दस करोड़ किसने निकाल लिए. यह किसी को अब तक पता नहीं चल पाया है. वहीं, उन्होंने यह शक जताया है कि यह घोटाले की भेंट चढ़ गया है।इसमें अधिकारी से लेकर बैंक के लोग भी शामिल हो सकते हैं।गढ़वा डीसी राजेश कुमार पाठक ने कहा कि यह साइबर क्राइम का मामला है।हम लोग इसकी जांच कर रहे हैं।इसके लिए कमेटी भी बनाई गई है।बहुत जल्द इसका खुलासा होगा।वहीं, ग्रामीणों की मानें तो गढ़वा में ऐसी कई योजनाएं हैं जो आज भी घोटाला झेल रही हैं. अब देखना है कि दस करोड़ के इस घोटाले का पर्दाफाश कब तक होगा।