सावन 2021:कांवरियों के स्वागत में 24 घंटे तैयार रहने वाला शहर में बैरिकेडिंग,जहां अपने-अपने घर से निकल कर सेवा की भावना लगते थे आज वीरानी छायी है

फाइल फ़ोटो

देवघर।बाबा भोलेनाथ की आराधना का महीना श्रावण मास आज रविवार से शुरू हो गया।इस पावन महीने में देवघर में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला पर इस साल भी कोरोना महामारी ने ब्रेक लगा दी है।महामारी की वजह से पिछले दो साल में बाबाधाम में श्रावणी मेला का आयोजन नहीं हो रहा है।जिस शहर में सावन महीना शुरू होने से दो महीने पहले से ही देवघर में प्रशासनिक हलचल तेज हो जाती थी, कांवरियों के स्वागत को तैयार रहने वाला यह शहर अब सामान्य हो गया है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगने के बाद अब प्रशासन कांवरिया पथ पर बैरिकेडिंग और पुलिस के सहारे श्रद्धालुओं को रोकने में लगा है।किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि कोरोना ना केवल बाबा के भक्तों को उनसे दूर करेगा, बल्कि इसी श्रावणी मेला पर आश्रित देवनगरी समेत कई क्षेत्रों में सालभर की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो जायेगी।कांवरिया पथ पर बॉर्डर सील कर दिये गये हैं। आम दिनों की तरह देवघर की दैनिक गतिविधि चलती दिखायी देगी।कांवरियों के बोल बम की गूंज इस साल भी सुनाई नहीं देगी और ना ही देवघर केसरिया रंग से पटा दिखेगा।

दो साल पहले लगती थी कतार, अब सन्नाटा

श्रावणी मेले में कांवरियों के पदार्पण के साथ ही देवघर में भक्ति और सेवा की वह मनोरम तस्वीर इस साल भी नहीं दिखेगी. सैकड़ों किलोमीटर चलकर पूरे एक महीने तक बाबाधाम आने के बाद जलार्पण के लिए कुमैठा तक हजारों-लाखों कांवरियों के 10-15 घंटे कतार में रहकर आस्था और धैर्य का वह दृश्य भी नहीं दिखाई देगा, जिसमें लोगों के अपने-अपने घर से निकल कर सेवा की भावना देवघर को एक पहचान देती थी।लेकिन, कोरोना संक्रमण के कारण मेला नहीं लगने की वजह से रूटलाइन में वीरानी छायी हुई है। रूटलाइन में भी सन्नाटा पसरा हुआ है।देवघर के बॉर्डर एरिया में श्रद्धालुओं को रोकने के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी तैनात हैं। फाइल फोटो

कांवरिया पथ पड़ा वीरान

पहले श्रावणी मेले के दौरान स्थानीय से लेकर बाहर से आये करीब एक लाख से अधिक छोटे-बड़े दुकानों की वजह से शिवनगरी की रौनक देखने लायक होती थी।लेकिन, अब इन जगहों पर वीरानी छायी हुई है. दुकानें लगनी वाली जगहों पर अब झाड़ियां उग आयी है। वहीं, जो कांवरिया पथ दो साल पहले शिवभक्तों से गुलजार रहता था, वह आज कीचड़मय और वीरान हो चुका है।दिन-रात कांवर की रुनझुन से कानों में मधुर मिठास डालने वाले पूरे रास्ते में अब सन्नाटा पसरा हुआ है।हालांकि, कांवरिया पथ से होकर एक-दो दांडी बम आते दिखे, मगर वह भी मंदिर बंद रहने और रास्ते से लौटाये जाने की आशंका को लेकर सशंकित दिखे।

बाबा मंदिर के आसपास प्रतिनियुक्त किये गये मजिस्ट्रेट और पुलिस बल

सावन महीने में श्रद्धालुओं के बाबा मंदिर में प्रवेश पर रोक लगाने के लिए जगह-जगह मजिस्ट्रेट और पुलिस बल मौजूद हैं।बाबा मंदिर के सभी मुख्य दरवाजे से 5 मीटर पहले की बैरिकेडिंग कर दी गयी है. मातृ मंदिर और अासपास श्रद्धालुओं की गाड़ी को देखते ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया और वापस भेजा। फाइल फोटो

पिछले साल भी कोराेना की वजह से श्रावणी मेला का आयोजन नहीं हुआ था।मगर, सुबह से शाम तक बजने वाला शिवधुन देवघर के लोगों में ऊर्जा का संचार करता था, लेकिन इस साल शिवधुन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

जानकारी प्राप्त कर शिवधुन बजाने की होगी व्यवस्था : डीसी

इस संबंध में देवघर डीसी सह बाबा मंदिर प्रशासक मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि पिछले साल शिवधुन बजाने की व्यवस्था की जानकारी नहीं है।अगर शिवधुन बजता था, तो इस बार भी बाबा नगरी को इस पवित्र माह में शिवमय बनाने के लिए शिवधुन की व्यवस्था होगी।पहल इसकी जानकारी प्राप्त करते हैं।