Ranchi:हाईकोर्ट ने सेवा सदन अस्पताल सहित कई भवनों को तोड़ने पर रोक लगा दी

राँची।राजधानी राँची में नगर निगम की ओर से सेवा सदन अस्पताल सहित अन्य कई भवनों के तोड़ने के मामले पर फिलहाल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने नगर निगम को यह निर्देश दिया है कि हड़बड़ी में कोई ऐसा काम ना करें जिससे आम लोगों को दिक्कत हो। इस विषय पर उचित फोरम का निर्माण कर तथ्यों को खंगाले।

कोर्ट ने नगर विकास सचिव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर फॉर्म का गठन कर खंडपीठ को अवगत कराएं ।वही शहर में जाम और लचर ट्रैफिक की स्थिति पर भी कोर्ट ने राँची के एसएसपी और ट्रैफिक एसपी को भी निर्देश दिया है कि भीड़भाड़ वाले इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था सुगम बनाएं ताकि आम आदमी को कठिनाइयों से मुक्ति मिले।

बता दें अतिक्रमण हटाये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की और कहा कि हम सिर्फ झारखण्ड की भलाई के लिए सोच रहे हैं। नगर निगम कानून सम्मत कार्रवाई करें। लेकिन अगर किसी का घर तोड़ने की परिस्थिति आ रही है तो सभी तथ्यों की पहले गहनता से जांच कर लें।

जनहित याचिका में चैंबर की ओर से हस्तक्षेप याचिका भी दायर की गई है

चैंबर की ओर से पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता अनिल सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि राँची नगर निगम की कार्रवाई नियमों के खिलाफ की जा रही है।निगम हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर भवनों और घरों को तोड़ने का नोटिस दे रहा है. हाईकोर्ट ने इसपर नाराज़गी जाहिर करते हुए नगर निगम का पक्ष रख रहे अधिवक्ता एल सी ए शाहदेव से पूछा कि क्या हमने भवन तोड़ने का आदेश दिया है ? हमारे आदेश का हवाला देकर नोटिस क्यों भेजा जा रहा है ? नगर निगम को हाईकोर्ट के आदेश की बैसाखी की जरूरत क्यों पड़ रही है ?

रोड पार्किंग के लिए नहीं है।गाड़ियों के आवागमन के लिए है- हाईकोर्ट

जिसपर नगर विकास विभाग के सचिव ने अदालत को आश्वस्त कराया कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। इसके साथ ही अदालत ने राँची एसएसपी से पूछा कि अपर बाजार का ट्रैफिक क्यों नहीं कंट्रोल हो रहा है।जिसपर एसएसपी ने बताया कि ट्रैफिक कंट्रोल के लिए कार्य किया जा रहा है।अदालत ने कहा कि रोड पार्किंग के लिए नहीं है.गाड़ियों के आवागमन के लिए है।

चैंबर के कितने सदस्य हैं और उनके पास कितनी गाड़िया हैं – हाईकोर्ट

इस जनहित याचिका पर सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई।राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार, नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एल सी एन शाहदेव ने पक्ष रखा।नगर विकास सचिव विनय चौबे भी सुनवाई के दौरान वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।चैंबर की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल सिन्हा और सुमित गड़ोदिया ने अदालत में अपना पक्ष रखा। और भवन तोड़े जाने के नोटिस का पुरजोर विरोध किया।नगर निगम द्वारा की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग अदालत से की गई है. साथ ही कोर्ट ने चैंबर से यह जानकारी मांगी है कि चैंबर के कितने सदस्य हैं और उनके पास कितनी गाड़िया हैं।और कहां पार्क करते हैं।