Ranchi:लगभग 10 माह के बाद सिविल कोर्ट का एक चौथाई अदालतें आज से फिजिकल चलेंगी.

राँची।करीब 10 माह के बाद आज से राँची सिविल कोर्ट का एक चौथाई अदालतें फिजिकल चलेंगी। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद मार्च से सिविल कोर्ट वर्चुअल चल रही थी। सिर्फ आवश्यक मामले ही सुने जा रहे थे। बीते 14 जनवरी को झारखण्ड हाइकोर्ट के निर्देश के दूसरे दिन 15 जनवरी को न्यायायुक्त नवनीत कुमार ने फिजिकल कोर्ट की रूपरेखा तय की। न्यायिक अधिकारियों व बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर तय किया गया कि प्रथम चरण में एक चौथाई कोर्ट फिजिकल चलेगी। वहीं, तीन चौथाई कोर्ट पूर्व की तरह वर्चुअल चेलगी। न्यायिक पदाधिकारियों के लिए रोस्टर जारी किए गए हैं। प्रति दिन 10 कोर्ट फिजिकल चलेगी। वहीं, नए मामलों को ड्रॉप बॉक्स या फिर ई सेवा के द्वारा दाखिल किया जाना जारी रहेगा।

आज से तीन बजे तक ड्रॉप बॉक्स में डाल सकते हैं आवेदन

नये मामले, नकल आदि के लिए ड्रॉप बॉक्स में ही आवेदन डालना होगा। हालांकि, समय बढ़ाया गया है। आज से अधिवक्ता 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक अपना आवेदन ड्रॉप बॉक्स में डाल सकते हैं। हाइकोर्ट के निर्देश के अनुरूप फिजिकल कोर्ट में एक समय में दो अधिवक्ता व एक मुंशी को छोड़कर अन्य लोगों को प्रवेश की इजाजत नहीं होगी।

फिजिकल कोर्ट में ये कार्य अभी होंगे

फैमिली कोर्ट के वाद, क्रिमिनल अपील का एडमिशन, रिवीजन याचिका का एडमिशन और बहस, जांच प्रक्रिया में गवाहों का बयान, कमिश्नर की नियुक्ति, सिविल और क्रिमिनल मामलों में मेडिएशन, अभियुक्त का बयान दर्ज, अभियुक्त का आरोप गठन, साक्ष्य विहीन मामलों में बहस, अग्रिम जमानत याचिका, विविध क्रिमिनल याचिका, कमिटमेंट, वाद बिंदु का गठन और शिकायत बाद का एडमिशन आदि की सुनवाई हो सकेगी।

हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार ने रोस्टर तैयार करने का दिया था निर्देश

बता दें कि 14 जनवरी को हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार ने फिजिकल कोर्ट को लेकर जिलों के जजों को दिशा निर्देश जारी किया था। कोरोना के सक्रिय मामले की संख्या के आधार पर सुनवाई को तीन चरणों में बांटा गया है। फेज वन के तहत ऐसे जिला जहां कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या 150 या इससे ज्यादा रहने पर मात्र एक चौथाई अदालत ही लगेगी। वहीं फेज 2 के तहत ऐसे जिला या न्याय मंडल जहां मरीजों की संख्या 50 से 150 है तब दो तिहाई अदालतें ही फिजिकल तरीके से मामलों की सुनवाई करेगी। जबकि फेज 3 के अनुसार ऐसे जिला या न्याय मंडल जहां कोविड-19 के मरीज की संख्या 50 या उससे कम है तो वहां कुल अदालतों में से आधी अदालत फिजिकल तरीके से मामलों की सुनवाई करेंगे।