जमीनी विवाद में रेलकर्मी ने किया आत्मदाह:28 जून को खुद को किरोसिन तेल छिड़क कर लगाई थी आग,आज इलाज के दौरान हुई मौत….

जमशेदपुर।झारखण्ड के जमशेदपुर में रेलवे की जमीन पर कब्जा करने के विरोध में 28 जून को टाटानगर लोको शेड के सीनियर टेक्नीशियन सुनील पिल्लई ने आत्मदाह कर लिया था।जिससे उनके शरीर का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा जल गया था।टीएमएच के बर्न यूनिट में इलाजरत सुनील की रविवार सुबह मौत हो गई।इस घटना के बाद से पूरा परिवार गमगीन है और परिजन रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग और आरपीएफ के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि, मृत शरीर का अंतिम संस्कार कब होगा, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।

क्या है घटना:
टाटानगर न्यू क्रू लाबी के समीप सुनील पिल्लई का अपना रेलवे आवंटित क्वार्टर है,जहां वे अपनी पत्नी नीरू और दो बेटियों व एक बेटे के साथ रहते थे। इनके घर के सामने ही 1065 स्क्वायर फीट की जमीन है।सुनील का कहना था कि उक्त जमीन उनके पिता रामनाथ पिल्लई को रेलवे से 99 साल की लीज पर वर्ष 1985 में मिली थी,लेकिन रेलवे लैंड डिपार्टमेंट के अधिकारी पैसों के लेन-देन कर उनकी खाली पड़ी जमीन हथियाना चाहते हैं।बताया जाता है कि 28 जून की सुबह जब आरपीएफ व लैंड डिपार्टमेंट के अधिकारी जमीन का कब्जा प्रकाश होटल के संचालक ओमप्रकाश कसेरा को दिलाने पहुंचे तो सुनील के परिजनों ने इसका विरोध किया।

पत्नी नीरू ने अपने ऊपर किरोसिन तेल छिड़क कर पूरी घटना का विरोध किया, लेकिन आरपीएफ के अधिकारी व जवानों ने पत्नी नीरू और उनकी दो बेटियों को पकड़ कर थाने ले गई,इससे नाराज सुनील ने अपने ऊपर किरोसिन तेल डालकर आत्मदाह कर लिया।

इस पूरे घटनाक्रम में इंजीनियरिंग विभाग और आरपीएफ के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सुनील की पत्नी का आरोप है कि उनके परिवार को इंसाफ मिलना चाहिए।परिजनों का कहना है कि घटना के बाद टीएमएच में इलाजरत सुनील पिल्लई चक्रधरपुर मंडल के डीआरएम को अपना बयान देना चाहते थे, लेकिन इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने मामले को दबाने और लीपा-पोती करने का प्रयास किया।