Ranchi:उपायुक्त और एसएसपी के नेतृत्व में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में हुई छापेमारी,कुछ भी आपत्तिजनक समान नहीं मिला…..

राँची।राजधानी राँची में संगठित आपराधिक गिरोह पर लगाम लगाने के लिए राँची पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है।इसी दौरान उपायुक्त राहुल सिन्हा और एसएसपी किशोर कौशल के नेतृत्व में सोमवार को अगले सुबह करीब 4 बजे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में छापेमारी की गई। जेल में छापेमारी की सूचना के बाद कैदियों के बीच हड़कंप मच गया। तीन घंटे तक पुलिस ने जेल में बंद एक-एक कैदियों की गहन तलाशी ली। इस दौरान पुलिस को कुछ भी आपत्तिजनक सामान हाथ नहीं लगा।छापेमारी में डीसी और एसएसपी के अलावे एसडीएम दीपक दुबे,सिटी एसपी शुभांशु जैन,सिटी डीएसपी दीपक कुमार,सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार,साइबर डीएसपी यशोधरा,सिल्ली डीएसपी,राँची के आधा दर्जन से ज्यादा थानेदार सहित 100 से ज्यादा जवान शामिल थे।

एक्टिव मोबाइल है छापेमारी की बड़ी वजह

जेल में छापेमारी के पीछे सबसे बड़ी वजह होती है मोबाइल फोन।यह पहली बार नहीं जब बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में छापेमारी हुई है। इससे पहले भी छापेमारी हुई थी। राँची के साथ- साथ धनबाद और हजारीबाग स्थित जेलों में बंद गैंगस्टर्स मोबाइल-सेलफोन के जरिए गिरोह ऑपरेट करने की खबर आयी थी।इसके बाद छापेमारी की गयी थी। राँची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के भीतर 150 से भी ज्यादा मोबाइल सिम एक्टिव पाए गये थे।पुलिस मुख्यालय ने जेल के भीतर सक्रिय सिमकार्ड नंबर, व्हाट्सएप नंबर, आइईएमईआई नंबर और वर्चुअल नंबर के ब्योरे के साथ ये रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी।

जेल में बंद हैं मनी लॉड्रिंग के कई बड़े आरोपी

झारखण्ड में ईडी और आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद कई लोगों पर शिकंजा कस रहा है. झारखण्ड के मनी लाउंड्रिंग केस के कई प्रमुख आरोपी भी इसी जेल में बंद हैं।इस छापेमारी को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. जेल में निलंबित खान सचिव पूजा सिंघल, राँची के पूर्व डीसी छवि रंजन, अमित अग्रवाल,मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, प्रेम प्रकाश उर्फ पीपी और बच्चू यादव इस समय इसी जेल में बंद हैं।इसके अलावे कई गैंगस्टर,कुख्यात अपराधी, नक्सली,उग्रवादी भी जेल में बंद है।

छापेमारी के बाद इस बात पर होने लगी चर्चा..

सूत्रों से जानकारी मिली है कि आज जब राँची पुलिस और राँची जिला प्रशासन की टीम छापेमारी करने जेल में गई थी।जब छापेमारी चल रही थी तो एक वार्ड में एक कैदी ने एक पुलिस अधिकारी से दो बड़े अधिकारियों का नाम लेकर पूछा दोनों नहीं आया है क्या।उस पुलिस अधिकारी ने उस कैदी से पूछा आप कौन हैं।उस कैदी ने नाम जब अपना बताया तो पुलिस अधिकारी पहले सकपकाया फिर दूसरे पुलिस अधिकारी ने कहा चलो यहां से दूसरे वार्ड में चलते हैं।सूत्रों की माने तो जेल में बंद कैदी ने अपना नाम प्रेम प्रकाश बताया था।छापेमारी के बाद जब इस बात को बताया तो छापामारी टीम में एक दूसरे खूब चर्चा होने लगी।उसके बाद जेल के बाहर फोटो भी नहीं हो सका।सब गाड़ी में बैठकर निकलते चले गए।