क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड एंड इन्वेस्टमेंट स्कैम पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन,क्रिप्टो फ्रॉड और चाइनीज लोन ऐप के खिलाफ बड़ी लड़ाई की तैयारी..

राँची।अपराध अनुसन्धान विभाग (सीआईडी) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के सहयोग से क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड और इनवेंस्टेंट फ्रॉड पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जैप वन सभागार में किया गया। हाल के दिनों में झारखण्ड में क्रिप्टो करेंसी और इनवेंस्टमेंट के नाम पर करोड़ो रुपए के ठगी के मामले भी सामने आए है। सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों को संबंधित करते हुए कहा कि 95 फीसदी लोगो को इस बात की जानकारी नहीं है कि क्रिप्टो करेंसी क्या है और इसके नाम पर कैसे फ्रॉड किया जा रहा है। क्रिप्टो के नाम पर मोटी कमाई का लोगो को लालच देकर साइबर अपराधी उनसे ठगी कर रहे है। साइबर अपराधी कैसे पकड़े जाए इसे लेकर पुलिस अधिकारियों को इसके संबंध में जानकारी देना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की मीटिंग बुधवार को होगी।

पांच राज्यों के पुलिस अधिकारियों को किया जा रहा है प्रशिक्षित

क्रिप्टो करेंसी के नाम पर हो रहे साइबर फ्रॉड से बचने व उसमें शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए गृह मंत्रालय के सहयोग से पांच राज्य के पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम मेें क्रिप्टो करेंसी, इनवमेंस्टमेंट स्कैम, पार्ट टाइम जॉब फ्रॉड और टक्नो लीगल एस्पेक्ट्स अॉफ इनवेस्टिगेशन के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में झारखंड के 14 डीएसपी, 37 प्रशिक्षु डीएसपी, 48 सहायक लोक अभियोजक, 14 इंस्पेक्टर, 128 एसआई, पश्चिम बंगाल के एक डीएसपी, दो एसआई और ईडी के एक पदाधिकारी शामिल हुए। प्रशिक्षण अॉन मोड पर भी हुआ जिसमें झारखंड के सभी पुलिस पदाधिकारी शामिल हुए।

पुलिस अफसरों को ट्रेंड करने के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के अधिकारियों और बेंगलुरु की दो आईटी कंपनी से एक्सपर्ट्स को रांची बुलाया गया है। बेंगलुरु की कंपनी ने क्रिप्टो के लिए साइबर टूल्स डेवलप किया है। पुलिस अफसरों को क्रिप्टो में कैसे मनी मूव करता है, क्रिप्टो का ईको सिस्टम कैसे काम करता है, क्रिप्टो का डिजिटल फुटप्रिंट कैसे निकालें, इन मामलों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में 47 असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर भी भाग ले रहे हैं।