बिहार में दर्ज रंगदारी केस में फरार नक्सली झारखण्ड के गिरिडीह पुलिस के हत्थे चढ़ा,बिहार पुलिस ले गई अपने साथ….

 

गिरिडीह।झारखण्ड के गिरिडीह जिले में जमानत पर जेल से बाहर आए नक्सली को रंगदारी व फिरौती मांगने के मामले में गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा के निर्देश पर बेंगाबाद पुलिस ने गुरुवार को लुप्पी गांव से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद जमुई जिले के चकाई थाने की पुलिस दलबल के साथ बेंगाबाद थाना पहुंची और नक्सली को सुरक्षित अपने साथ लेकर चली गई।गिरफ्तार नक्सली मुसन दास उर्फ महेन्द्र दास के खिलाफ चकाई थाना में मवेशी कारोबारी से रंगदारी मांगने का मामला दर्ज है,जबकि नक्सली मामलों में भी उसके खिलाफ चकाई थाने में मामला दर्ज होने के बाद वह जेल में बंद था। कुछ वर्षों से बेल पर बाहर निकलने के बाद फिर से फिरौती व रंगदारी मांगने में सक्रिय था।

जानकारी के अनुसार बेंगाबाद थाना क्षेत्र के लुप्पी गांव निवासी स्व राधेश्वर दास के पुत्र मुसन दास उर्फ महेन्द्र दास का संबंध नक्सली संगठन से होने के कारण चकाई थाना में कांड संख्या 66/15 के तहत केस दर्ज हुआ था।उस केस में मुसन दास गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है। जेल से बेल पर बाहर निकलने के बाद फिर संगठन के नाम कारोबारियों से रंगदारी व फिरौती के धंधे में जुड़ गया था।मवेशी लेकर जाने वाली वाहनों को रोककर वह रंगदारी वसूलता था। इस संबंध में उसके खिलाफ चकाई थाने में रंगदारी व फिरौती मांगने के आरोप में कांड संख्या 218/22 के तहत केस दर्ज किया गया था।केस दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार चल रहा था।इधर, चुनाव को लेकर पुलिस विशेष अभियान चलाकर संदिग्धों की खोज रही है। इस क्रम में मुसन दास भी गिरफ्तार कर लिया गया।

एसपी दीपक कुमार शर्मा के निर्देश पर बेंगाबाद थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह दलबल के साथ गुरुवार की सुबह लुप्पी गांव पहुंचे और गुप्त जानकारी के अनुसार छापेमारी कर फरार नक्सली को गिरफ्तार कर लिया।

इधर फरार नक्सली के पकड़े जाने की जानकारी मिलने पर चकाई थाना के इंस्पेक्टर लाल बहादुर सिंह, थाना प्रभारी राकेश कुमार जवानों के साथ दोपहर को बेंगाबाद थाना पहुंचे और उसे अपने साथ ले गए।

बता दें कि बेंगाबाद थाना क्षेत्र का लुप्पी गांव बिहार बॉर्डर पर स्थित है। इस गांव के कई लोग नक्सली संगठन में बड़े पदों पर रह चुके हैं। बिहार में घटनाओं को अंजाम देने के बाद ये झारखण्ड के लुप्पी गांव में अपने घरों में पनाह लेते हैं। पूर्व में नक्सली संगठन महिला मारक दस्ता की सदस्य रोजीना भी संगठन में कार्य के दौरान जब बीमार पड़ गई थी तो अपने घर में आकर लुप्पी में सुरक्षित रहने लगी थी। हालांकि सीआरपीएफ की घेराबंदी के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई थी।उसका भाई भी बिहार में घटना को अंजाम देकर घर आ गया था, उसे भी बिहार पुलिस गिरफ्तार करने में सफल रही थी। एक बार फिर मुसन दास की गिरफ्तारी से लुप्पी गांव से हुई है। फिलहाल पुलिस की नजर बॉर्डर इलाके के गांवों पर है।