जज हत्याकांड:सीबीआई ने घटना की सिन क्रिएट कर जानकारी जुटाया,सड़क पर एक ऑटो को दाैड़ा गया,एक आदमी को ऑटो से धक्का मरवाया गया

धनबाद।झारखण्ड के धनबाद शहर में सीबीआइ ने धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की माैत की जांच तेज कर दी है।सीबीआई की टीम ने शनिवार को घटनास्थल का दाैरा किया। घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने के लिए काफी देर तक कवायद की। इस दाैरान पूरे इलाके की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई। घटनास्थल पर क्राइम सीन रीक्रिएशन किया गया। उत्तम आनंद की माैत को हत्या बताया जा रहा है। जांच को खुद सुप्रीम कोर्ट और झारखण्ड हाईकोर्ट मॉनिटरिंग कर रखा है। ऐसे में सीबीआइ के समक्ष सच को सामने लाने की बड़ी चुनाैती है।

क्राइम सीन दोहरा कर टीम ने किया मुआयना

गंगा मेडिकल हॉल से घटनास्थल तक घटना की सिन रिक्रिएट किया।सड़क पर एक ऑटो को दाैड़ा गया। एक आदमी को ऑटो से धक्का मरवाया गया। पुतला सड़क किनारे गिर गया। सीबीआइ के सदस्यों ने मुआयना किया।

वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई

सीबीआइ की सीएफएसएल टीम शनिवार सुबह करीब 11 बजे धनबाद के रणधीर वर्मा चाैक पहुंची।टीम ने पूरे इलाके की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की। घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए गए।

इधर न्यायाधीश उत्तम आनंद की आटो से टक्कर मारकर हत्या करने के मामले में सीबीआइ ने शुक्रवार को गिरफ्तार दोनों आरोपी को पांच दिनों के लिए रिमांड पर लिया है। सीबीआइ की स्पेशल टीम के एसपी जगरूप एस सिन्हा और एएसपी सह कांड के अनुसंधानकर्ता विजय कुमार शुक्ला के नेतृत्व में टीम सुबह 10:40 बजे कोर्ट पहुंची। सीबीआइ के आवेदन पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में लंबित धनबाद थाना कांड संख्या 300 / 21 के पूरे अभिलेख को सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया। अभिलेख एसडीजीएम की अदालत में पहुंचने के बाद दोपहर 3:44 बजे सीबीआइ के विशेष अभियोजक अदालत पहुंचे। सीबीआइ की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत में अभियुक्तों को पांच दिनों के लिए हिरासत में देने की की अर्जी पर बहस हुई। अदालत ने सीबीआइ को दोनों आरोपी को पांच दिनों के सीबीआइ हिरासत में देने का आदेश जेल प्रशासन को दिया।

वहीं इसके पूर्व मामले की जांच कर रही पुलिस की एसआइटी ने भी दोनों आरोपितों को 29 जुलाई की शाम पांच दिनों के पुलिस हिरासत में लिया था। एसआइटी की पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपी ने नशे में रहने के कारण टक्कर लग जाने की बात बताई थी। एसआइटी ने पुलिस हिरासत की अवधि पूरी होने से पहले ही दोनों आरोपी को दो अगस्त को अदालत में वापस कर दिया था।

बता दें झारखण्ड सरकार की अनुशंसा व उच्च न्यायालय के आदेश के बाद चार अगस्त को सीबीआइ की स्पेशल टीम ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआइ की टीम चार अगस्त को धनबाद पहुंच गई थी जबकि उनका सहयोग करने के लिए फोरेंसिक टीम पांच अगस्त को धनबाद पहुंची।