Jharkhand:मानवता को शर्मसार करने वाली घटना,नवजात के शव को दाई ने गटर के जलते कचरे में फेंका,दाई सहित 3 गिरफ्तार…

गढ़वा।झारखण्ड के गढ़वा जिले के मझिआंव सीएचसी में शनिवार को मृत नवजात को गटर में फेंके जाने वाली घटना के बाद रविवार को अनुमंडल पदाधिकारी राज महेश्वरम पूरे मामले की जानकारी लेने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। पूरी घटना से अवगत होने के बाद उन्होंने सीएचसी प्रभारी डॉ. गोविंद प्रसाद सेठ को इस मामले को लेकर तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया।एसडीएम के निर्देश के बाद पुलिस निरीक्षक राजीव कुमार और थाना प्रभारी कमलेश कुमार महतो महिला पुलिस के साथ अस्पताल पहुंचे और इस घटना में संलिप्त एएनएम मंजू कुमारी, जीएनएम निर्मला कुमारी और दाई दौलत कुंवर को हिरासत में लेकर थाना ले गए।

वहीं,राज महेश्वरम को दिये बयान में दाई दौलत कुंवर ने कहा कि मृत बच्चा पैदा होने पर एएनएम मंजू कुमारी और जीएनएम निर्मला कुमारी के कहने पर उसने नवजात मृत बच्चे को जलते गटर में फेंका था,जबकि शनिवार को अपने दिये गए बयान में दाई ने स्वीकार किया था कि नवजात को उसने खुद ही जलते गटर में फेंका था।इसके बाद एसडीएम ने उस गटर का भी निरीक्षण किया और इस घटना को अमानवीय बताया। उन्होंने कहा कि घटना शर्मसार कर देने वाली है। उन्होंने प्रसव गृह में ड्यूटी करने वाली स्वास्थ्य महिला कर्मियों से घटना की जानकारी प्राप्त कर उन्हें जमकर डांट फटकार लगाई।

बता दें कि मझिआंव निवासी हरिकिशोर विश्वकर्मा की पलामू के रजहारा गांव में ब्याही गई 22 साल की बेटी मधु देवी पति मनदीप विश्वकर्मा को प्रसवकाल की पीड़ा होने पर शनिवार को सीएचसी लाया था, जहां पर मधु ने मृत नवजात शिशु को जन्म दिया। इसके बाद उसके परिजन मृत शिशु की अंत्येष्टि के लिए कफन लेने बाजार गये और उधर दाई ने नवजात शिशु को पास में ही कचरा निस्तारण के लिए बने जलते हुए गटर में फेंक दिया गया था।

मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना पर पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मौके पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मनीष कुमार सिंह, डॉ. वीर प्रताप सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।बहरहाल रविवार शाम साढ़े पांच बजे तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी।