बिहार:घर में दो मासूम बेटों और बूढ़ी माँ के साथ पति-पत्नी का फंदे से लटकता मिला शव,एक परिवार के पांच शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई

पटना।बिहार के समस्‍तीपुर जिले में दिल झकझोर देने वाली बड़ी घटना हुई है। विद्यापतिनगर थाना के मऊ गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों के फंदे से लटकते शव मिले हैं। घटना शनिवार की देर रात्रि की बताई जा रही है। रविवार सुबह होने पर जब इसकी जानकारी मिली तो लोगों की भीड़ जमा हाे गई। जितनी मुंह, उतनी बातें। यह सामूहिक आत्‍महत्‍या है या हत्‍या के बाद आत्‍महत्‍या, या फिर सामूहिक हत्‍या, इसपर से पर्दा तो जांच के बाद ही हटेगा। लेकिन फिलहाल इसके पीछे आर्थिक तंगी व कर्ज को कारण सामूहिक आत्‍महत्‍या माना जा रहा है। परिवार में अब केवल दो शादीशुदा बेटियां ही बची हैं।बताया जाता है कि मऊ गांव के वार्ड निवासी मनोज झा आटो चलाकर व खैनी बेचकर अपने परिवार का गुजर बसर करते थे। पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने के क्रम में उन्होंने कई समूहों से ऋण भी लिया था। समय-सीमा के अंदर इसकी अदायगी करने में वे सक्षम नहीं हो पा रहे थे। इस कारण बार-बार उन्हें तकादा भी झेलना पड़ रहा था। साथ ही डांट भी खानी पड़ रही थी।

मृतकों में वार्ड 11 निवासी रविकांत झा के पुत्र मनोज झा (45), मनोज झा की मां सीता देवी (65), मनोज झा के पुत्र सत्यम कुमार (10), शिवम कुमार (07) एवं मनोज की पत्नी सुंदरमणि देवी (38) शामिल हैं। घटनास्थल पर पुलिस ने पहुंचकर पूरी तरह घेराबंदी कर दी है। एफएसल टीम को यहां बुलाया गया है।

इस सम्बंध में दलसिंहसराय के डीएसपी दिनेश पांडेय ने बताया कि पुलिस कई बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। अभी तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आ पाया है। एफएसल टीम को बुलाकर जांच की गई है।आगे की जांच जारी है।वहीं सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

बताया जाता है कि इसके पूर्व भी मनोज झा के पिता ने भी फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। बताया जाता है कि उन्होंने अपनी बड़ी पुत्री की शादी के लिए कर्ज लिए थे। कर्ज चुका नहीं कर पाने की स्थिति में उन्होंने अपनी जान दे दी थी।अभी उनके पुत्र ने भी अपनी बहन की शादी मंदिर में की थी।स्थानीय लोगों की माने तो परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं था। फिलहाल जांच पड़ताल जारी है।वहीं इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैली हुई है।

इधर एक ही परिवार के पाँच लोगों की मौत से सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई है।लोगों ने अपनी भड़ास निकाल रहें है।सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं क्या सवर्ण गरीब नहीं होता है।क्या सवर्ण सभी अमीर है।ऐसे कई सवाल उठा रहे हैं।लोगों का मानना है एक ब्राह्मण परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था।फिर भी ऊँची जाती के होने के कारण आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है।ऐसे कई सवाल लोग उठा रहे हैं