बोकारो:अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर विस्थापितों ने किया पथराव,डीएसपी,थानेदार सहित छह घायल,लाठीचार्ज

बोकारो।झारखण्ड के बोकारो में रेलवे जमीन से अतिक्रमण हटाने के दौरान धनगढ़ी में बुधवार सुबह विस्थापितों और जिला प्रशासन के बीच में झड़प हो गई। इस दौरान पत्थरबाजी की गई। जिसमें सेक्टर 9 के थानेदार संतोष कुमार सहित छह से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।बताया जा रहा है कि धनगढ़ी के विस्थापित तुपकाडीह-तलगड़िया रेलवे लाइन के दोहरीकरण कार्य को रोक रहे थे। उपायुक्त कुलदीप चौधरी के नेतृत्व में प्रशासन ने बुधवार की अहले सुबह विस्थापितों से जमीन खाली करवा दिया।इस कार्रवाई के दौरान हुई पत्थरबाजी में सेक्टर-9 थानेदार संतोष कुमार सहित छह से अधिक पुलिस वालों को गंभीर चोट लगी है। वहीं, पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति नियंत्रण में किया। मौके पर उपायुक्त कुलदीप चौधरी और एसपी चंदन कुमार झा कैंप कर रहे हैं।बताया जाता है कि रेल मार्ग की परियोजना को पूरा करने के लिए लंबे समय से प्रशासन पर दबाव था। कई दौर की वार्ता के बाद भी विस्थापित अपनी जिद पर अडे़ हुए थे। जब बातचीत से वे वहां से नहीं हटे तो मजबूरन प्रशासन ने बुधवार सुबह यह कार्रवाई की।

घटना के बारे में बताया जाता है कि तलवाडिया रेल लाइन के दोहरीकरण के लिए धनगढ़ी गांव में 173 दिन पहले अतिक्रमण हटाया गया था, लेकिन मलवा वहीं पड़ा हुआ था।बुधवार की सुबह जब बोकारो स्टील सिटी के लोग सो रहे थे तभी जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन सुबह 4 बजे गांव पहुंच गया और मलवा हटाने का काम शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और पत्थरबाजी शुरू हो गई जिसमें हरला थाना प्रभारी संतोष कुमार, सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार समेत पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।ग्रामीणों द्वारा पत्थरबाजी की घटना के बाद पुलिस ने रबर बुलेट का प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। डीसी कुलदीप चौधरी, एसपी चंदन कुमार झा, मुख्यालय डीएसपी मुकेश कुमार, सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार के अलावे आवासीय दंडाधिकारी मनीषा वत्स, डीटीओ संजीव कुमार, बोकारो के लगभग सभी थाने के इंस्पेक्टर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं।

बता दें कि तुपकाडीह से तालगड़िया तक के बीच के रेलवे लाइन का दोहरीकरण का काम बीते तीन साल से चल रहा है। 95 प्रतिशत काम पूरा भी हो चुका है।बीते साल 24 सितंबर को प्रशासन के सहयोग से रेलवे ने 16 मकानों को ध्वस्त कर रेलवे लाइन का रास्ता भी साफ कर दिया। इसके बाद से गांव के लोग लगातार धरना दे रहे थे। जब भी रेलवे के कर्मी काम करने पहुंचते, गांव वाले मारपीट पर उतारू हो जा रहे थे।बीते महीने भी रेलवे के अधिकारियों पर ग्रामीणों ने पथराव किया था। इसके बाद लगभग 100 लोगाें पर मामला दर्ज हुआ था। चूंकि उच्च न्यायालय में विस्थापितों की ओर से दायर याचिका खारिज हो चुकी है।

जानकारी के अनुसार,उपायुक्त ने मंगलवार को ही प्रमुख अधिकारियों के साथ प्लान तैयार किया। इसके बाद आज अहले सुबह कार्रवाई हुई। जिला प्रशासन व रेलवे अधिकारी पूरी तैयारी के साथ बुधवार की सुबह धनघरी गांव पहुंचे थे।धनघरी गांव को लगभग पांच सौ से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों में विवेक सुमन, दिलीप कुमार, सभी डीएसएपी और शहर के थानेदार शामिल हैं।

इस जमीन को बोकारो स्टील के लिए अधिग्रहित किया गया था। रेल लाइन के दोहरीकरण के लिए बोकारो स्टील ने 31 एकड़ जमीन रेलवे को हस्तांतरित कर दिया पर गांव की जमीन रेलवे खाली नहीं करा पा रहा था।बीते 12 सितंबर को मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में बैठक भी हुई। बताया गया कि बोकारो स्टील सभी विस्थापितों को पुनर्वास के लिए 1985 में ही जमीन दे चुका है। इसके बावजूद लोगों ने इस भूखंड को खाली नहीं किया।