पंचशूल उतरते ही बाबा वैद्यनाथ व माता पार्वती का गठबंधन नही कर सकेंगे श्रद्धालु

उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक की की निगरानी में उतारा गया बाबा व पार्वती मंदिर का पंचसुल….

देवघर: महाशिवरात्रि, 2020 के अवसर पर परंपरा के मुताबिक बाबा मंदिर के शिखर पर लगे पवित्र पंचशूल को आज उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय, पुलिस अधीक्षक श्री नंरेद्र कुमार सिंह, बाबा मंदिर प्रभारी सह अनुमंडल पदाधिकारी श्री विशाल सागर के निगरानी में महाशिवरात्रि से पहले विधिवत उतारा गया। इस दौरान पंचशूल को स्पर्श करने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी मंदिर प्रांगण में किया गया था। विदित है कि पंचशुलों को कल एक बार फिर पूजा पाठ कर गुंबद पर लगाया जाएगा और तब जाकर गठबंधन का रिवाज हो सकेगा।


ज्ञातव्य है कि महाशिवरात्रि के ठीक दो दिन पहले साल में एक बार बाबा मंदिर और पार्वती मंदिर के शीर्ष पर स्थित पंचशूल को विधिवत उतारा जाता है एवं इस अलौकिक क्षण के गवाह बनने हजारों भक्तों की भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ पड़ती है। पंचशूल उतारने के बाद महाशिवरात्रि से पूर्व कोई भी भक्त गठबंधन नहीं कर सकते हैं। माता पार्वती और महादेव के गुंबदों पर लगे दोनों पंचशुलों को उतारने के बाद पहले आपस में मिलाया जाता है और एक साथ रखा जाता है एवं यह अलौकिक दृश्य व परम्परा सिर्फ बैद्यनाथ धाम मंदिर में ही देखने को मिलता है एवं इस मौके पर हर कोई की इच्छा होती है कि वह एक बार इन पंचशुलों का दर्शन कर लें। इसलिए इस अवसर पर मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ भी उमड़ती है।


इस दौरान मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए उपायुक्त श्रीमती नैंसी ने कहा कि महाशिवरात्रि को लेकर बाबा मंदिर, शिवगंगा, मंदिर के आसपास के क्षेत्रों के अलावे शिव बारात रुट लाइन में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही मंदिर प्रांगण के सभी 22वो मंदिरों में अग्निशामक यंत्र भी लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। इसके अलावे शिवरात्रि को लेकर मंदिर की साफ-सफाई, साज-सज्जा और सजावट का काम भी विशेष रूप से किया जायेगा।
इस मौके पर उपायुक्त श्रीमती नैन्सी सहाय, पुलिस अधीक्षक श्री नरेन्द्र कुमार सिंह, प्रभारी पदाधिकारी, बाबा मंदिर सह अनुमंडल पदाधिकारी, देवघर श्री विशाल सागर, प्रशिक्षु आईएएस श्री रवि आनंद, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी श्री विकास चंद्र श्रीवास्तव, मंदिर प्रबंधक श्री रमेश परिहस्त सहित अन्य पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित और समाज के बुद्धिजीवियों के साथ काफी संख्या में स्थानीय लोग व श्रद्धालु आदि उपस्थित थें।