बिहार के बाद अब झारखण्ड में भी बसों का परिचालन शुरू करने की मांग

राँची। झारखण्ड में 23 मार्च 2020 से अंतरजिला और अंतरराज्यीय बस परिचालन सेवा बंद है। केंद्र सरकार ने अनलॉक-1 से 3 में जो छूट दी हैं। उनमें झारखण्ड सरकार ने बस परिचालन पर पाबंदियां बरकार रखीं। अब बिहार में बस सेवा शुरू किए जाने के बाद झारखण्ड में भी बस परिचालन की मांग उठने लगी है। पिछले छह महीनों से बसों के चक्का जाम है, जिससे बस मलिकों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ता ही जा रहा है। एक अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार बसों के चक्का जाम होने के बावजूद प्रत्येक महीने का खर्च पचास हजार रुपये से ज्यादा का है। हालांकि परिवहन विभाग को झारखण्ड सरकार के निर्णय का इंतजार है। अनलॉक 4 में सितम्बर से अंतरजिला बस परिचालन की मंजूरी मिलने की संभावना है। इधर झारखण्ड में बसों का रोड टैक्स माफ करने को लेकर भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आपदा प्रबंधन के तहत बनी समिति की सिफारिश पर झारखण्ड सरकार 31अगस्त 2020 के बाद कोई निर्णय ले सकती है। उस निर्णय के आधार पर ही बसों का परिचालन निर्भर करता है।सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों ने बस परिचालन को लेकर विचार – विमर्श किया है इसमें पहले केवल अंतरजिला बस सेवा ही शुरू करने की बात उभर कर सामने आई है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अंतरराज्यीय बस सेवा पर अभी रोक बरकरार रखने का विचार है। अगर झारखण्ड की हेमंत सरकार बस परिचालन को अनुमति देती है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि किन किन शर्तो के साथ परिचालन को अनुमति दिया जाएगा।