12 सितम्बर से देश मे 80 नए स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत

नई दिल्ली। देश मे 12 सितंबर से 80 नई स्पेशल ट्रेन शुरू की जाएंगी।इनके लिए बुकिंग 10 सितंबर से शुरू होगी। रेलवे बोर्ड चेयरमैन वी के यादव ने बताया कि इन ट्रेनों को पहले से चल रही 230 ट्रेनों के अतिरिक्त चलाया जाएगा है।आपको बता दें कि रेल मंत्रालय ने पहले कई श्रमिक स्पेशल ट्रेन सेवाओं के साथ-साथ आईआरसीटीसी स्पेशल ट्रेन सेवाओं की शुरुआत की थी. कोविड-19 महामारी के कारण इस समय सभी यात्री ट्रेन सेवाएं निलंबित हैं।अभी देश में 230 स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

‘क्लोन’ ट्रेनें चलाई जाएंगी-रेलवे

बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि स्पेशल ट्रेनों के परिचालन की निगरानी की जाएगी और जहां भी ट्रेन की मांग होगी या लंबी प्रतीक्षा सूची होगी, वहां ‘क्लोन’ ट्रेनें चलाई जाएंगी. परीक्षाओं के लिए या ऐसे ही किसी उद्देश्य के लिए राज्य सरकारों से अनुरोध किए जाने पर ट्रेनों को चलाया जाएगा.

ट्रेन से यात्रा के दौरान जरूरी इन नियमों का पालन करना-रेलवे ने स्टेशन परिसर में और यात्रा के दौरान भी फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरने के लिए सभी यात्रियों को कम से कम 90 मिनट पहले स्टेशन पर पहुंचना होगा।

जिन लोगों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिखेगा, उन्हें ही रेलवे अथॉरिटी स्पेशल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति देगी. इसके अलावा सभी सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखना होगा.
यात्रियों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप भी इंस्टॉल करना होगा. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए, भारतीय रेलवे यात्रियों को तकिए, कंबल, पर्दे जैसी चीजें उपलब्ध नहीं करा रहा है।

स्थिति सामान्य होने के बाद भी एसी कोच में नहीं मिलेगी ये सुविधाएं-कोविड-19 महामारी के बाद भी जब फिर से सामान्य ट्रेन सेवाएं शुरू होगी तब भी भारतीय रेलवे एसी कोच में यात्रा कर रहे यात्रियों को तकिए, कंबल, चादर, तौलिए और अन्य लिनेन की चीजें नहीं देगी।

भारतीय रेलवे सामान्य यात्री ट्रेन सेवाओं के फिर से शुरू होने के बाद इन वस्तुओं को प्रदान करने से रोकने की योजना बना रहा है. हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया है।

इन सामानों के अलावा ट्रेन में पकाया हुआ भोजन नहीं परोसा जाता है. इस समय सिर्फ पैके hज्ड फूड ही दिया जा रहा है. यह कहा जा रहा है कि एक बार ट्रेन सेवाओं के शुरू होने के बाद इस अभ्यास का भी पालन किया जा सकता है।