पत्नी का था अवैध-सम्बन्ध,रोड़ा बन रहा था पति,प्रेमी के साथ मिलकर कर दी हत्या…

लातेहार।झारखण्ड के लातेहार पुलिस ने चर्चित ओमप्रकाश हत्या कांड का उद्भेदन कर दिया है। हत्याकांड को अंजाम देने वालों में मृतक की पत्नी और मृतक का दोस्त ही शामिल था। दोनों ने मिलकर गोली मारकर ओमप्रकाश की हत्या कर दी थी। बुधवार को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

दरअसल,गत 24 फरवरी को लातेहार जिले के बरियातू थाना क्षेत्र अंतर्गत हेसला गांव निवासी ओम प्रकाश गुप्ता की हत्या उन्हीं के घर में गोली मारकर कर दी गई थी। हत्या के बाद मृतक की पत्नी के द्वारा अज्ञात व्यक्ति पर प्राथमिक दर्ज कराई गई थी। इधर मामले को गंभीरता से लेते हुए लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने पूरे मामले की छानबीन के लिए एक टीम गठित किया। छानबीन के क्रम में पुलिस ने मृतक की पत्नी और घर वालों का बयान दर्ज किया।

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पूछताछ के क्रम में पुलिस के अधिकारियों को मृतक की पत्नी पर ही संदेह हुआ। उसके बाद उसे हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की। पूछताछ के क्रम में पत्नी फूलमती देवी ने पुलिस को चौंकाने वाली बात बताई। उसने बताया कि ओमप्रकाश के दोस्त पंकज प्रसाद से उसका प्रेम प्रसंग पिछले 4 वर्षों से चल रहा था। प्रेम प्रसंग में रोड़ा बनने के कारण ही उसका प्रेमी पंकज प्रसाद ने पति ओमप्रकाश गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

इस संबंध में जानकारी देते हुए बालूमाथ के डीएसपी आशुतोष सत्यम ने बताया कि ओम प्रकाश गुप्ता और पंकज प्रसाद दूर के रिश्तेदार थे और आपस में इनकी दोस्ती भी थी।पिछले चार-पांच वर्षों से पंकज ओमप्रकाश गुप्ता के घर आया जाया करता था। इसी दौरान पंकज प्रसाद और ओमप्रकाश गुप्ता की पत्नी फूलमती देवी के बीच अवैध संबंध हो गया।इसकी जानकारी होने के बाद कुछ दिन पहले ओमप्रकाश गुप्ता और इसकी पत्नी फूलमती के बीच झगड़ा भी हुआ था।

डीएसपी ने बताया कि रात में पंकज प्रसाद फूलमती देवी से मिलने उसके घर आया हुआ था। वह अपने साथ एक पिस्टल भी लाया था। इसी बीच ओमप्रकाश ने अपनी पत्नी और पंकज प्रसाद को पकड़ लिया।इसके बाद पंकज प्रसाद ने ओमप्रकाश गुप्ता को गोली मार दी जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।डीएसपी आशुतोष सत्यम ने बताया कि अनुसंधान के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और बुधवार को जेल भेज दिया है। मामले के अनुसंधान में डीएसपी के अलावा थाना प्रभारी राजा दिलावर, सब इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार समेत अन्य पुलिस अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही।