खूँटी:दुष्कर्म के पीड़ित परिवार से गाली-गलौज करने वाला तोरपा थाना प्रभारी को एसपी ने किया सस्पेंड

खूंटी।झारखण्ड के खूंटी जिले में पांच साल की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के परिवार के साथ गाली-गलौज के साथ बदसलूकी करने वाले थाना प्रभारी को एसपी ने सस्पेंड कर दिया है।दरअसल, पांच साल की नाबालिग बच्ची दर्द से कराहती हुई तोरपा थाना पहुंची लेकिन उसे न तो इलाज के लिए भेज गया और न ही एफआईआर दर्ज की गई।ढ़ाई घंटे बाद थाना प्रभारी ने पीड़िता की सुध ली, लेकिन इलाज नहीं करवाया बल्कि मेडिकल करवाना बेहतर समझा।मीडिया में बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की घटना और थाना प्रभारी के दुर्व्यवहार को। प्रकाशित हुआ था।बताया जाता है कि दूसरे दिन तोरपा थाना प्रभारी ने के मीडिया पर भ्रामक खबर फैलाने का आरोप लगाकर नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्होंने सवांदाता को को सशरीर थाना में उपस्थित होकर जवाब देने को कहा था लेकिन, एसपी ने थाना प्रभारी को ही सस्पेंड कर दिया।

बताया जाता है कि मामले में नाबालिग पीड़िता की मां ने थाना प्रभारी मुन्ना कुमार सिंह के खिलाफ एसपी अमन कुमार को ज्ञापन सौंपा। जिसके बाद एसपी ने उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया। इससे पहले भी तोरपा थाना प्रभारी के ऊपर जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष तनुश्री सरदार के ने जानकारी ना देने और फोन काटने और फोन रिसीव ना करने का आरोप लगाया था।मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अमन कुमार ने तत्काल मुन्ना कुमार सिंह को उनके पद से सस्पेंड कर दिया है और जांच में किसी प्रकार का संशय ना रहे इसलिए मामले को मुख्यालय डीएसपी जयदीप लकड़ा को सौंप दिया है।

क्या है मामला:
23 अप्रैल 2022 को दोपहर लगभग 02.00 बजे 5 साल की बच्ची पड़ोस के दुकान में फ्रूटी लेने गई थी।उस समय दुकान में लगभग 12-13 साल का बच्चा था, जिसने नाबालिग को अंदर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता की मां ने शिकायत में बताया था कि थोड़ी देर बाद बच्ची रोती हुई घर आई और जोर से रोने लगी।उससे रोने का कारण पूछने पर बच्ची ने दुकान में हुई घटना को बारे में बताया।उस समय उनकी बच्ची दर्द से कराह रही थी, तब महिला अपने पति, सास और कुछ अन्य लोगों के साथ बच्ची को लेकर करीब 02.30 बजे तोरपा थाना गई और तोरपा थाना प्रभारी मुन्ना कुमार सिंह से मिलकर उनको घटना की जानकारी दी लेकिन थाना प्रभारी जोर-जोर से उनलोगों पर चिल्लाने लगे और और गाली-गलौज के साथ कहने लगे- “फालतू-फालतू केस थाना में लेकर आती हो, तुमलोग थाना में ड्रामा करने आते हो, जाओ भागो यहां से” लेकिन, वे लोग करीब 2 घंटे तक थाना में ही रहे। इस बीच उनकी नाबालिग बच्ची दर्द से रोने और चिल्लाने लगी लेकिन इनकी बच्ची को कोई देखने वाला कोई नहीं आया और न ही तुरंत इलाज का भी प्रबंध किया गया।

इधर इस मामले में एसपी अमन कुमार ने कहा कि एक बच्ची के साथ ऐसी घृणित घटना घटित होना और इसकी शिकायत लेकर थाना लाने से इस तरह का दुर्व्यवहार करना काफी निंदनीय है।उन्होंने कहा इससे पहले सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष तनुश्री सरदार ने मीडिया के समक्ष तोरपा थाना प्रभारी मुन्ना कुमार सिंह पर आरोप लगाया था कि शनिवार 23.04.2022 को एक पांच साल की मासूम बच्ची से 12 साल के नाबालिग ने एक दुकान में दुष्कर्म किया था। सीडब्ल्यूसी के इस बारे में पूछने पर थाना प्रभारी ने उन्हें इग्नोर करते हुए बात करने से मना कर दिया। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष ने कहा कि पोक्सो एक्ट एवं माननीय न्यायालय के अनुसार दुष्कर्म की घटना को साबित करने के लिए सभी मामलों में मेडिकल जांच कराया जाना आवश्यक नहीं है लेकिन, तोरपा पुलिस ने बच्ची का मेडिकल करवाने पर ध्यान दिया. बच्ची के हेल्थ पर ध्यान नहीं दिया गया। थानेदार के खिलाफ इस तरह के शिकायत पर एसपी ने तोरपा थाना प्रभारी मुन्ना कुमार सिंह तोरपा को सस्पेंड कर दिया। निलंबन अवधि में इन्हें जीवन यापन भत्ता देय होगा और इनका मुख्यालय पुलिस केंद्र खूंटी रहेगा।