Ranchi:रेमडेसिविर की कालाबाजारी में गिरफ्तार आरोपी का पुलिस अफसरों से कनेक्शन,ग्रामीण एसपी ने आरोपी से 20 हजार में दिलवाया था रेमडेसिविर

झारखण्ड न्यूज, राँची।

राँची।राजधानी राँची में रेमडेसिविर व ऑक्सीजन फ्लो मीटर की कालाबाजारी की सीआइडी जांच में चौंकानेवाला खुलासा हुआ है।अख़बार में छपी खबर के अनुसार, पता चला है कि राँची के ग्रामीण एसपी नाैशाद आलम ने अपने करीबी गुड्डू को राजीव सिंह के जरिये 20 हजार रुपये में रेमडेसिविर और 3500 रुपये में ऑक्सीजन फ्लो मीटर उपलब्ध करवाया था।उस वक्त राजीव सिंह गिरफ्तार नहीं हुआ था।मामले में सीआइडी ने 161 के तहत राँची के ग्रामीण एसपी के अंगरक्षक राजीव कुमार पांडेय और चालक शाहबुद्दीन का बयान लिया है।रेमडेसिविर लेने के लिए ग्रामीण एसपी के कहने व उपलब्ध कराये गये मोबाइल नंबर पर उनके सरकारी अंगरक्षक राजीव कुमार पांडेय ने 25 अप्रैल 2021 को राजीव सिंह से संपर्क किया था।

फिर राजीव सिंह के कहने पर वह कांके रोड में प्रेमसंस मोटर्स के पास ब्लू रंग की गाड़ी (जेएच-01सीएल-3636) में बैठे शख्स से मिला। इसके बाद राजीव के कहने पर अंगरक्षक ने अरगोड़ा चौक स्थित मेडिसीन प्वाइंट जाकर दुकानदार को 20 हजार रुपये देकर रेमडेसिविर प्राप्त किया. इससे पहले उसने राजीव सिंह से फोन पर दुकानदार की बात करायी थी।तब दुकानदार ने उसे रेमडेसिविर दिया था।जिस दुकानदार ने उसे रेमडेसिविर दिया, वह वही व्यक्ति था, जिससे उसने कांके रोड में ब्लू रंग की कार में मुलाकात की थी. फिर रेमडेसिविर को उसने आलम नर्सिंग होम के समीप ग्रामीण एसपी के करीबी गुड्डू को पहुंचाया।अंगरक्षक उसी गुड्डू से इंजेक्शन के एवज में 20 हजार रुपये लिया था।इसके बाद 27 अप्रैल को ग्रामीण एसपी ने अंगरक्षक को फिर से राजीव सिंह से संपर्क कर ऑक्सीजन फ्लो मीटर लाने को कहा।

चालक ने कहा : राजीव सिंह ने दिलवाया फ्लो मीटर
चालक शाहबुद्दीन ने भी बयान में कहा है कि 27 अप्रैल को सूमो (जेएच-01-सीबी-4162) में ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर वह ग्रामीण एसपी साहब के अंगरक्षक राजीव कुमार पांडेय के साथ कांके रोड में पहले राजीव सिंह के यहां पहुंचा।राजीव सिंह सूमो में बैठने के बाद बोले कि पहले मोरहाबादी में राजकीय अतिथिशाला के पास चलो। वहां से एक आदमी को लेना है. अतिथिशाला के पास पहुंचने पर एक व्यक्ति सफेद रंग की स्कूटी पर इंतजार कर रहा था।

उसकी स्कूटी वहीं पर रखवा कर राजीव सिंह ने उसे सूमो में बैठा लिया. फिर बोला कि अरगोड़ा चौक चलो. वहां जाने पर मेडिसीन प्वाइंट दवा दुकान के बाहर सूमो खड़ा कर दिया. फिर हमलोगों से कहा कि आप लोग गाड़ी में बैठिये. कुछ देर बाद राजीव सिंह आये, तो उनके हाथ में दवा व सैनिटाइजर था. वहीं, राजीव सिंह के साथ आये व्यक्ति ने सूमो में रखे ऑक्सीजन सिलिंडर में फ्लो मीटर लगा दिया. इसके एवज में राजीव सिंह के कहने पर अंगरक्षक ने उस व्यक्ति को साढ़े तीन हजार रुपये दिये. फिर वापस आकर राजीव सिंह को उनके घर व उक्त व्यक्ति को अतिथिशाला के पास छोड़ कर हमलोग वापस चले गये।

रेमडेसिविर की कालाबाजारी की निगरानी करेगी सीआइडी
रेमडेसिविर की कालाबाजारी को लेकर राज्य के किसी भी जिले में प्राथमिकी दर्ज होती है, तो उस मामले की पूरी निगरानी सीआइडी करेगी. सोमवार को बैठक के बाद डीजीपी नीरज सिन्हा ने यह आदेश दिया है।अनुसंधान संबंधित थाना के अफसर ही करेंगे, लेकिन केस की समीक्षा और जांच के बिंदुओं पर सीआइडी नजर रखेगी. बैठक में सीआइडी एडीजी अनिल पाल्टा, एडीजी मुख्यालय आरके मल्लिक, एडीजी विशेष शाखा मुरारी लाल मीणा आदि शामिल हुए।बता दें कि हाइकोर्ट ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी रोकने को लेकर कारगर कदम उठाने का निर्देश दिया था. यह आदेश उसी के मद्देनजर दिया गया है।

दवा दुकानदार व अस्पताल कर्मी से सीआइडी की पूछताछ जारी:

रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में हिरासत में लिये गये मेडिसीन प्वाइंट के संचालक राकेश रंजन व सृष्टि हॉस्पीटल, हिनू के कर्मी मनीष सिन्हा से सोमवार को भी सीआइडकी टीम लगातार पूछताछ करती रही.दोनों ने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी है. पहले दोनों से अलग-अलग पूछताछ की गयी, फिर दोनों से आमने-सामने भी पूछताछ की गयी.

सीआइडी ने अब तक जांच के दौरान इन दोनों के खिलाफ जो भी साक्ष्य एकत्र किये हैं ,उनके संबंध में दोनों से पूछताछ की गयी. पहली बार पूछताछ में दवा दुकानदार राकेश रंजन अपनी संलिप्तता से इंकार करता रहा था. लेकिन उसके खिलाफ सीआइडी ने साक्ष्य जुटा लिये हैं. अब उसका सुर बदल गया है. दूसरी ओर सीआइडी की टीम जांच के दौरान मिले कई चीजों को जब्त करने की कवायद में भी जुट गयी है.हालांकि अभी वह इसका खुलासा नहीं कर रही है.

इधर ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने सफाई दी है कि मेरा कोई गलत इरादा नहीं था।कोरोना से कई लोग परेशानी में मदद के लिए फोन करते हैं. गुड्डू ने भी फोन कर बोला था कि पिता की मौत हो चुकी है. मां भी अस्पताल में है. हमें दवा चाहिए. हो सके, तो कहीं से मुहैया करा दें. गुड्डू के माँ की भी मौत बाद में हो गयी।