Ranchi:कुरियर को एक्टिवेट करने के नाम पर 5 रुपए का ट्रांजेक्शन कराया,फिर बैंक कर्मी के खाते से साइबर अपराधियों ने निकाल लिए एक लाख रुपये…….

–कुरियर ट्रैक कर रहे है तो सावधानी बरते, साइबर अपराधी कर रहे है खाते से ठगी, भेज रहे है एक्टिवेट कराने के लिए लिंक और खाते में लगा रहे है सेंध

राँची।अगर आपको कोई कुरियर आ रहा है। कुरियर आने में देरी हो रही है। देरी के कारणों को अाप ट्रैक कर रहे है तो सावधानी बरते। साइबर अपराधी आपके साथ अब ट्रैकिंग के नाम पर ठगी कर सकते है। कुरियर ट्रैकिंग के नाम पर केनरा बैंक के कर्मी रूफीना एक्का से साइबर अपराधियों ने एक लाख रुपए की ठगी कर ली है। इस संबंध में रूफीना एक्का ने तुपुदाना ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार रूफीना एक्का ने एक कुरियर मंगाया था। कुरियर के आने में काफी देर हो गई क्योंकि कुरियर सात नवंबर को ही डिसपैच किया गया था। देरी के कारणों को जानने के लिए रुफीना ने कुरियर जहां से भेजा गया था वहां संपर्क किया। उन्हें बताया गया कि डिलीवरी ब्वॉय का एक्सीडेंट हो गया है इसलिए कुरियर पहुंचने में देरी हो रही है।

कुरियर डिएक्टिवेट हो गया हो गया यह कर पांच रुपए से एक्टिवेट कराने के लिए कहा

रुफीना एक्का को 15 नवंबर को एक नंबर 8981868160 से कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि आपका कुरियर डिएक्टिवेट हो गया है। जिस नंबर से कॉल आया था उसी नंबर से उन्हें एक मैसेज आया। उसमें एक लिंक भेजा गया था। लिंक में लिखा गया था कि कुरियर को एक्टिवेट करने के लिए 5 रुपए लगेगा। रूफीना एक्का ने उक्त लिंक को अपने मोबाइल पर एक्टिवेट किया। उनके खाते से पांच रुपए कट गया। उसके बाद उनको कोई मैसेज नहीं आया। अचानक 18 नवंबर की रात 2 से 2.30 बजे के बीच उनके खाते से पैसे का ट्रांजेक्शन किया गया। उनके खाते से 4 बार में कुल 99934 रुपए की निकासी हो गई। इसकी जानकारी उन्हें जैसे ही मिली उन्होंने अपने बैंक खाते से ट्रांजेक्शन को लॉक कराया। इसके बाद उन्होंने 1930 पर जानकारी दी। रुफीना ने अपने साथ हुए फ्रॉड की जानकारी बैंक को भी दी। अब तुपुदाना ओपी की पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

हर दिन हजारों कुरियर की होती है ट्रैकिंग, साइबर अपराधियों की उनपर नजर

हर जिन हजारों की संख्या में विभिन्न लोगो को कुरियर आते है। कई बार देरी होती है। लोग अपने कुरियर के बारे में पता लगाने के लिए गूगल सर्च से नंबर लेकर कस्टमर केयर को फोन करते है। इन कॉल पर साइबर अपराधी लगातार नजर बनाए रहते है और ग्राहकों तो फोन कर उन्हें अपना शिकार बना रहे है।