जैप-6 परिसर में सागवान पेड़ काटने के मामले में आईपीएस की भूमिका की होगी जांच,संदेहास्पद भूमिका पाए जाने के बाद डीजीपी ने जांच का दिया आदेश,जैप के एडीजी से 15 दिनों में जांच कर मांगी…

राँची।झारखण्ड के पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित जैप-6 परिसर में सागवान के पेड़ काटे जाने के मामले में तत्कालीन कमांडेंट व आईपीएस अधिकारी अंशुमन कुमार की भूमिका की जांच होगी। राज्य पुलिस मुख्यालय ने प्रारंभिक जांच में संदेहास्पद भूमिका पाए जाने के बाद जांच का आदेश दिया है। डीजीपी अजय कुमार सिंह के आदेश पर आईजी मानवाधिकार ने जैप के एडीजी से 15 दिनों के भीतर जांच कर पूर्ण प्रतिवेदन की मांग की है।पुलिस मुख्यालय ने जैप एडीजी को जैप डीआईजी रहे संजय रंजन सिंह के जांच प्रतिवेदन की प्रतिलिपि भी भेजी है। इस प्रतिवेदन में उल्लेखित बिंदुओं पर जांच कर पूरी रिपोर्ट 15 दिनों में देने का आदेश डीजीपी ने जारी किया है।

आदेश में जिक्र है कि दिसंबर 2023 में भी जैप 6 के तत्कालीन कमांडेंट अंशुमन कुमार से जुड़े मामले में जांच कर रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन वह रिपोर्ट अप्राप्त है।जैप 6 में अंशुमन कुमार की पोस्टिंग के दौरान आरक्षी नरोत्तम कुमार, हवलदार विनय कुमार, बैकुंठ शर्मा के खिलाफ शिकायत मिली थी। इस मामले की जांच के दौरान तीनों के बारे में डीआईजी ने पाया कि तीनों पुलिसकर्मी जातीय टिप्पणी करते हैं। इसके बाद तीनों पुलिसकर्मियों को वहां से हटाने की अनुशंसा की गई थी।

रिपोर्ट में इन तीनों को अंशुमन कुमार का करीबी बताया गया था। इसी मामले की जांच के क्रम में जैप 6 कैंपस में सागवान के पेड़ की कटाई का मामला सामने आया था। सागवान के पेड़ की कटाई के मामले में वहां पोस्टेड डीएसपी समेत अन्य अफसरों का बयान लिया गया। जिसमें सभी ने बताया कि तत्कालीन कमांडेंट के आदेश पर सागवान के पेड़ काटे गए थे।

डीआईजी जैप की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि सागवान के पेड़ को काटे जाने के बाद ट्रैक्टर लगाकर इसे ले जाया गया था। लेकिन इसका उपयोग कहां हुआ, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। वहां पोस्टेड रहे डीएसपी विश्वजीत बक्स राय ने पूछताछ के क्रम में बताया कि वन विभाग की अनुमति से पेड़ काटे गए थे, लेकिन लकड़ी का उपयोग कहां किया गया, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। तत्कालीन जीपी प्रभारी अंजनी कुमार ने भी बताया कि पेड़ काटने के लिए मशीन की खरीदारी जैप छह के द्वारा की गई थी। लेकिन सागवान पेड़ काटने के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। लकड़ी का प्रयोग कार्यालय के काम में नहीं किए जाने की जानकारी भी जीपी प्रभारी ने दी है। जैप छह में पदस्थापित रहे आईनुल सिंकू ने डीआईजी को बताया था कि नरोत्तम कुमार, अंजनी कुमार की मौजूदगी में एक रात सागवान के पेड़ को कटवाया गया था। इसके बाद पेड़ के भोट्टा को तुरंत ट्रैक्टर से हटवाया गया था।

 

आईएएस छवि रंजन पर डाकबंगला परिसर में लगे पेड़ों को काटने का आदेश देने का भी लगा था आरोप:

बता दें 2015 में कोडरमा डीसी रहते छवि रंजन ने पेड़ कटवाई थी।उस वक्त उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने बिना सरकार की अनुमति के कोडरमा जिला परिषद परिसर से पांच सागवान व एक शीशम का पेड़ कटवा लिया था।इसको लेकर कोडरमा के मरकच्चो थाना में मामला भी दर्ज हुआ था। हालांकि छवि रंजन को केस में नामजद नहीं किया गया था।बाद में एसीबी को केस ट्रांसफर किया गया। एसीबी ने जांच के दौरान छवि रंजन से पूछताछ भी की थी। बयान और अन्य साक्ष्य के आधार पर एसीबी के अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि छवि रंजन के निर्देश पर ही पेड़ की कटाई हुई थी।पेड़ कटवाने के बाद उसे जिस आरा मिल में चीरा गया था, वहां के लोगों से एसीबी के अधिकारियों ने बयान लिया था। इसके आधार पर एसीबी ने केस के अनुसंधान में आइएएस छवि रंजन को दोषी पाया था।इसके बाद मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया था।लेकिन चार्जशीट से पहले एसीबी द्वारा मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं ली गयी थी।इसके बिना ही आरोप पत्र समर्पित कर दिया गया था।