प्रेमिका के पति की हत्या की सुपारी दी थी,अपराधियों ने गरीबी देख बख्श दी जान,सुपारी देने वाले प्रेमी को ही उतारा मौत के घाट

डेस्क टीम:
पटना। बिहार के पटना से एक हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया।इस खुलासे में चौंकाने वाला तथ्य सामने आई है।दरअसल,फुलवारीशरीफ में प्रापर्टी डीलर विक्की पासवान ने प्रेमिका के पति की हत्या के लिए जाल बुना था,मगर उसमें खुद फंस गया। अपराधियों को प्रेमिका के पति की गरीबी देख दया आ गई और अपराधियों ने सुपारी देने वाले विक्की को ही मौत के घाट उतार दिया। इस हत्याकांड में पुलिस ने विक्की के पार्टनर रवि कुमार और मंतोष कुमार समेत 13 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि विक्की की हत्या रस्सी से गला घोंटकर की गई थी। इससे पहले अपराधियों ने उसके साथ मारपीट की और उसके डेबिट कार्ड से सामान भी खरीदा था। बड़ी बात है कि मंतोष हमदर्द बनकर विक्की की पत्नी के साथ कार्यालयों के चक्कर लगा रहा था ताकि पुलिसिया कार्रवाई की जानकारी उसे मिलती रहे। गिरफ्तार सभी आरोपितों का लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है।

राजीव नगर की महिला से था अवैध संबंध

राजीव नगर इलाके में रहने वाली एक महिला से विक्की का अवैध संबंध था। वह उसके पति की हत्या करा महिला को अपने साथ रखना चाहता था। इसके लिए उसने पार्टनर मंतोष कुमार से बात की। मंतोष मूलरूप से मुंगेर जिले के धरहरा थानांतर्गत गहरना का रहने वाला है। वह यहां रामकृष्ण नगर इलाके में रहता था। उसपर बेउर थाना क्षेत्र में अपहरण और आ‌र्म्स एक्ट के दो मामले दर्ज हैं। मंतोष ने विक्की की मुलाकात पेशेवर अपराधी रामाशीष कुमार उर्फ आशीष कुमार उर्फ शूटर बाबा से कराई। जनवरी में जेल से जमानत पर छूटने के बाद आशीष बिग्रहपुर इलाके में रह रहा था। उसके विरुद्ध विभिन्न जिलों में दस मुकदमे दर्ज हैं। आशीष को विक्की ने तीन किस्तों में सुपारी की रकम एक लाख 35 हजार रुपये दी।

मजदूरी करता देख रद्द की प्लानिग

मार्च में विक्की सुपारी की रकम देने के बाद मंतोष और आशीष को साथ लेकर रूपसपुर गया था, जहां उसकी प्रेमिका का पति मजदूरी करता दिखा। उसकी गरीबी देखकर मंतोष और आशीष ने हत्या की प्लानिग रद कर दी, लेकिन विक्की को यह बात नहीं बताई। दस दिन गुजर जाने के बाद विक्की काम पूरा करने या रुपये लौटाने के लिए दबाव बनाने लगा। उसके दूसरे पार्टनर व मित्रमंडल कालोनी फेज-2 निवासी रवि कुमार ने मंतोष और आशीष को जानकारी दी कि हाल में विक्की को एक जमीन बेचने से 40 लाख रुपये मिले हैं। उसने विक्की की हत्या करने का प्रस्ताव रखा। साथ ही इसके लिए पांच लाख रुपये और देने का वादा किया।

पहले लूटी कार, फिर किया विक्की का अपहरण

साजिश के तहत 15 अप्रैल को आशीष और उसके साथियों ने मुजफ्फरपुर की एक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी से पटना के लिए लग्जरी कार बुक की। यहां दीघा-खगौल रोड पर उन्होंने चालक को पीटकर सड़क किनारे फेंक दिया और वाहन लेकर फरार हो गए। इसके बाद गाड़ी का नंबर प्लेट बदल दिया। सभी अपराधी एक होटल में रुके। रवि से सुपारी की रकम मिलने के बाद 29 अप्रैल को मंतोष ने काल कर विक्की को आर ब्लाक बुलाया। वहां पहले से गाड़ी में सभी अपराधी मौजूद थे। हथियार के बल उन्होंने विक्की को कार में बिठाकर उसका डेबिट कार्ड छीन लिया। इसके बाद विक्की की बाइक लेकर विपुल उसके घर गया। वहां उसकी पत्नी से चेक पर साइन करा बैंक से एक लाख 60 हजार रुपये की निकासी की। इधर, आशीष और दूसरे अपराधी विक्की के कार्ड से शापिग कर रहे थे।

बंधक बनाकर ले गए पिपरा, फिर घोंटा गला

नकदी और सामान लेने के बाद अपराधी बंधक बनाकर विक्की को गाड़ी से मोतिहारी लेकर गए, जहां गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। शव को पिपरा थाना क्षेत्र में सड़क किनारे फेंक दिया। उसकी बाइक भी वहीं के दरियापुर थाना क्षेत्र में लावारिस हालत में छोड़ दी। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी अलग-अलग हो गए। इधर, पूरे दिन घर नहीं लौटने पर 30 अप्रैल को विक्की की पत्नी ने बेउर थाने में गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कराई। रोचक बात यह रही कि विक्की की पत्नी के साथ मंतोष भी थाने गया था।

घरवाले नहीं कर पाए अंतिम दर्शन

मंतोष पर पुलिस को शक था, क्योंकि आखिरी बार उसी ने काल कर विक्की को मिलने बुलाया था। पुलिस ने उसके मोबाइल की काल रिकार्ड खंगाली तो कई संदिग्ध नंबर मिले। इसके बाद मंतोष को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई। तब उसने पूरा राज खोल दिया। उसके बयान का सत्यापन करने के लिए पटना पुलिस ने पिपरा थाने से संपर्क किया तो मालूम हुआ कि वहां 30 अप्रैल को शव मिला था। हत्या की प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी, लेकिन शव की शिनाख्त नहीं होने के कारण पुलिस ने 72 घंटे बाद अंत्येष्टि कर दी। विक्की की पत्नी और परिवार के लोग उसका अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए।

चाइनीज मोबाइल का किया था इस्तेमाल

अनुसंधान में पुलिस को मालूम हुआ कि हत्या में शामिल सभी अपराधियों ने अपने अपने मोबाइल आनकर घर में छोड़ दिए थे। एक दूसरे के संपर्क में रहने के लिए उन्होंने बाकरगंज से चाइनीज मोबाइल लिया था, जिसका आइएमईआइ नंबर किसी कंपनी में रजिस्टर्ड नहीं होता। यही कारण रहा कि पुलिस को हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में काफी वक्त लगा।

इनकी हुई गिरफ्तारी:- मंतोष कुमार, रामाशीष कुमार उर्फ आशीष कुमार उर्फ शूटर बाबा, मो. रुस्तम, विपुल कुमार, राहुल कुमार, सुधीर कुमार, ओमप्रकाश कुमार, जितेंद्र कुमार, शिवकुमार उर्फ मुन्ना कुमार, जितेंद्र रविदास, देव कुमार सिंह और राहुल कुमार उर्फ मैनेजर सिंह।

बरामदगी :-रिवाल्वर, कट्टा, तीन कारतूस, चाकू, विक्की की बाइक, मुजफ्फरपुर से किराए पर ली गई लग्जरी कार, विक्की के कार्ड से खरीदे गए सामान, हत्या में प्रयुक्त नाइलान की रस्सी, मोबाइल आदि।