Ranchi:अपराधी धनंजय प्रधान गिरफ्तार,पुलिस पूछताछ में खोले कई राज,कैसे एम.कॉम करने वाला छात्र बन गया अपराधी..

रोहित सिंहः राँची

राँची।राजधानी राँची के नामकुम थाना पुलिस ने नक्सली संगठन पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी की मांग करने वाला अपराधी धनंजय प्रधान को गिरफ्तार किया है।आरोपी धनंजय प्रधान पर राँची के कांटाटोली स्थित फ्लाईओवर के निर्माण में लगी कंपनी से 25 लाख रुपये की रंगदारी और नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप है।बताया गया कि कम्पनी के कर्मचारी जितेंद्र शर्मा ने नामकुम थाना में मामला दर्ज कराया था।मामला दर्ज होने के बाद मामला एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा के संज्ञान में आया।एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर सुनील कुमार तिवारी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गयी।उसके बाद इस टीम ने धनंजय प्रधान उर्फ आदित्य सिंह को गिरफ्तार किया है।आरोपी धनंजय प्रधान पर राँची समेत अन्य जिलों में 50 से अधिक मामले दर्ज है।

गिरफ्तार अपराधी धनंजय प्रधान उर्फ आदित्य सिंह ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं।कब,कैसे और किसके संरक्षण में आपराधिक घटना को अंजाम देने लगा।पूछताछ में सारी जानकारियां दी है।वहीं हाल के दिनों में पीएलएफआई के नाम से कितने लोगों से रंगदारी की मांग की है।सभी जानकारी पुलिस को दी है..पढिये झारखण्ड न्यूज की exclusive खबर..

वर्ष 2000 में अपराध की दुनिया मे कदम रखा

पुलिस पूछताछ में अपराधी धनंजय प्रधान ने पुलिस को बताया है कि उसकी उम्र करीब 42 हो गया है। एम कॉम तक पढ़ाई की है।उसके पिता का नाम जय किशोर सिंह हैं और वर्तमान में पटना के सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के टिकिया टोली में निराला जी के मकान में किरायेदार है।पुलिस को बताया कि वर्ष 1997 से कॉलेज समय में उसकी दोस्ती मनीष शर्मा से हुई।जिसने वर्ष 2000 में मेरी जान पहचान अपने एक रिश्तेदार पिंटू शर्मा से करवाई,जो उस समय रेलवे कांट्रेक्टर का काम करता था और रेलवे कॉन्ट्रैक्ट को मैनेज करने का भी काम करता था।इसी के माध्यम से मेरी जान पहचान अन्य लोग गैंगस्टर अनिल सिंह(जेल में),मनोज पांडेय (रेलवे कांट्रेक्टर),डब्लू शर्मा( रेलवे कांट्रेक्टर),रमेश सिंह,लखी शर्मा,अमरेन्द्र तिवारी,चटनी सिंह.(रेलवे कांट्रेक्टर) से जान पहचान हुई एवं इनलोगों के साथ मिलकर रंगदारी मांगने डराने,धमकाने टेंडर मैनेज और जमीन कारोबार में मैनेज व डरा धमकाकर कॉन्ट्रैक्ट लेने का कार्य करने लगा था।बताया कि उस समय इस पुरे गैंग का मुखिया अनिल सिंह था।हम सब मिलकर उस समय उसी के लिए मुख्य रूप से टेंडर मैनेज करने एवं रंगदारी वसूलने का कार्य करने लगे थे।

कई थानों में रंगदारी का मामला दर्ज

पुलिस पूछताछ में धनंजय ने आगे बताया है कि उस समय तक उसके विरुद्ध राँची के अलग-अलग थानों में रंगदारी मांगने एवं टेन्डर मैनेज करने के लिए कई केस दर्ज किये गए थे । इसीलिए मैं (धनन्जय) उस समय राँची से भाग कर कोलकाता में मजदूर यूनियन के नेता भीम सिंह के पास रहने लगे थे एवं वहीँ पर रहकर उनके लिए एवं रामगढ़ , बोकारो,बेरमो,धनबाद,फुसरो, हजारीबाग,चरही में CCL के स्क्रैप को उठाने के लिए टेंडर का काम करने वाले बोकारो,चास क्षेत्र के CCL सिंडिकेट धूमल सिंह,जीतेन्द्र सिंह,प्रवीण सिंह,भरत सिंह आदि जैसे लोगों का टेंडर मैनेज का कार्य करने लगे थे।

2004 में पुलिस ने पहली बार गिरफ्तार किया

बताया कि इसी क्रम में वर्ष 2004 में पहली बार राँची पुलिस ने रंगदारी,बम विस्फोट करने,गोली चलाने,हत्या और टेंडर मैनेज करने के लिए विभिन्न थानों में दर्ज मामले में मुझे कोलकाता से गिरफ्तार कर अन्य सहयोगी मनीष शर्मा,अमरेन्द्र तिवारी के साथ राँची जेल भेज दिया गया और कई केस में मुझे रिमांड किया गया।वर्ष 2007 में मैं जेल से बाहर आया था परन्तु फिर से रंगदारी के केस में मुझे फिर जेल भेज दिया गया।इसके आलावे वर्ष 2006 में जब मैं राँची जेल में था उस समय नामकुम थाना में सुरेन्द्र राय के हत्या के आरोप में मुख्य साजिशकर्ता अनिल राम,लखी शर्मा,संदीप थापा एवं मनीष सिंह के साथ मुझे भी अभियुक्त बनाया गया और रिमांड किया गया था।

कोलकाता पुलिस ने किया था गिरफ्तार

आगे पुछताछ में बताया कि वर्ष 2017 में कोलकाता से टेंडर मैनेज करने के केस में जेल गया था।जिसमें मुझे बेल होने के बाद लाल बाज़ार थाना में रहते हुए प्रतिदिन भेन्साल कोर्ट,कोलकाता में हाजिरी लगानी होती थी। इसके बाद वर्ष 2019 में मैं पूरी तरह से मुक्त होकर कोलकाता से पटना आ गया था।उस समय के बाद से मैं पटना के महेन्द्र में टिकिया टोली में रह रहा था।

परिवार ने कर दिया था बेदखल

धनंजय ने पूछताछ में बताया कि उसके आपराधिक गतिविधियों के कारण वर्ष 2013 से ही उसके घरवाले उसे घर से बेदखल कर दिए हैं।इसीलिए अब वो पटना में अकेला रहता है।कई वर्षों उसका अपने घरवालों से कोई संपर्क नहीं है।

पुराना आदत के कारण,फिर से लोगों को डराकर रंगदारी मांगने लगा

बताया कि दो वर्ष पहले जब मैं जेल से बाहर निकला तो अपने पुराने आदत के कारण फिर से बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन कंपनी के हेड CCL कर्मचारियों,बड़े बिल्डरों से रंगदारी की मांग करने लगा।इसी क्रम में वर्ष 2022 के जनवरी-फ़रवरी माह में राँची जिले के बुंडू स्थित टोल प्लाज़ा के जोनल मैनेजर को उसके मोबाइल नम्बर पर फ़ोन करके उग्रवादी संगठन PLFI के नाम पर रंगदारी की मांग किये एवं मांग पूरी नहीं करने पर बुरा परिणाम भुगतने की धमकी दिए ।इसके आलावे उन्हें व्हाट्सएप कॉल से भी डराया-धमकाया था।

ओवरब्रिज बनाने वाली कम्पनी से रंगदारी मांगी

पूछताछ में बताया कि आलावे काँटाटोली राँची में ओवरब्रिज बनाने वाली दिनेश चंद अग्रवाल इन्फ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट हेड प्रशांत कुमार का मोबाइल नंबर इन्टरनेट के माध्यम से निकाल कर दिनांक 23.04.2022 को अपने पास के मोबाइल नम्बर से उनके नम्बर पर पहली बार व्हाट्सएप कॉल किया था और डराने के लिए पीएलएफआई संगठन का नाम लेकर रंगदारी की मांग किये थे। मांग को पूरी नहीं करने पर जान से मारने एवं नामकुम स्थित इस कंपनी के बेस कैंप को उड़ा देने की धमकी भी दिए थे।बताया कि उसके बाद दोबारा 03.05.2022 को फिर से ऑडियो कॉल और व्हाट्सएप कॉल और व्हाट्सएप मेसेज करके प्रशांत कुमार को डराने के लिए बोला कि “मेरे लड़के तुम्हारे बेस कैंप के आस-पास ही रहते हैं,इसीलिए मैं जो कहता हूँ उतना करते जाओ और मेरी मांग पूरी कर दो,नहीं तो परिणाम बहुत बुरा होगा” बताया कि उसने 19.05.2022 को फिर से व्हाट्सएप कॉल करके धमकाया था।

ज्यादा पैसा देने से सिम कार्ड आसानी से मिलता है,इंटरनेट या कर्मचारी से नम्बर जुगाड़ करता था

पुलिस पूछताछ में धनंजय प्रधान ने बताया कि डराने धमकाने और रंगदारी की मांग करने के लिए उपयोग किये गए ये सारे सिमकार्ड,पैसे बढ़ाकर देने पर किसी और के पहचान से मिल जाता है।आगे बताया कि मैं लोगो को धमकाने के लिए उनके फोन नंबर इन्टरनेट के माध्यम से या किसी कंपनी के कर्मचारियों के माध्यम से प्राप्त करते हैं।इसके आलावे CCL में लोडिंग होने वाले स्थान से ट्रांसपोर्टिंग कंपनी के मालिकों का नाम नंबर मिल जाता है। इस सबके आलावे मैंने ट्रांसपोर्टिंग CCL से जुड़े कई ठेकेदारों को भी फोन कर रंगदारी का मांग किया हूँ। बताया कि यह सब सारा रंगदारी मांगने एवं डराने-धमकाने का काम मैं अकेले ही करता हूँ।

बीडीओ से मांगी थी रंगदारी

धनंजय प्रधान ने बताया कि इससे पहले वो कोरोना काल के क्रम में राँची जिले के दो बीडीओ से रंगदारी मांगा था।धनंजय प्रधान ने पुलिस को बताया बुंडू एवं तमाड़ के प्रखंड विकास पदाधिकारी को काम एवं पैसे के लिए रंगदारी का मांग कर चुका हूँ।