राँची:हरमू मुक्तिधाम में गैस आधारित शवदाह गृह में देर रात तक बर्नर मरम्मत होने की संभावना है

राँची।राजधानी राँची में 48 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी हरमू मुक्तिधाम का खराब बर्नर नहीं बनाया जा सका है। इसके लिए दिल्ली से इंजीनियर भी बुलाए गए हैं, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। नतीजा अब जिला प्रशासन के लिए शवों का अंतिम संस्कार करना मुसीबत बन गया है। आनन-फानन में जिला प्रशासन की तरफ से लगभग 7 शवों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था बड़ा घाघरा के स्वर्णरेखा घाट पर किया गया है। यहां राँचीनगर निगम ने शव के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी का इंतजाम कर दिया है। शवों का अंतिम संस्कार रात तक चलेगा। इसके लिए स्वर्णरेखा घाट पर रँची नगर निगम ने घाट पर जनरेटर का इंतजाम कर लाइटिंग भी लगा दी है।

सोमवार देर रात तक बर्नर के ठीक होने की उम्मीद

नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि उम्मीद है कि सोमवार रात तक बर्नर ठीक कर लिया जाएगा। इसके बाद एक बर्नर चालू कर दिया जाएगा। दूसरे बर्नर की मरम्मत का काम भी फिर शुरू होगा। गौरतलब है कि हरमू मुक्तिधाम में कोरोना पॉजिटिव शवों का अंतिम संस्कार होता है। बर्नर खराब होने से काफी दिक्कत शुरू हो गई है। इसी वजह से राँची नगर निगम ने शवों का अंतिम संस्कार करने का इंतजाम बड़ा घाघरा के स्वर्ण रेखा घाट पर किया है।

शवदाह गृह खराब होने से मोर्चरी में लगा लाशों का ढेर

हरमू स्थित मोक्षधाम में गैस आधारित शवदाह गृह कई घंटो से खराब है। ऐसे में रिम्स मोर्चरी की हालत बदतर हो गई है। मोर्चरी में।एक दर्जन से ज्यादा कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद शव को पैक करके रखा गया है। लेकिन शवदाह गृह खराब होने के कारण शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है।