राँची: अपनो ने छोड़ा था साथ, सदर अस्पताल के डॉक्टर और उनकी टीम ने पकड़ा हाथ, बच गई जिंदगी

राँची। राजधानी राँची के सदर अस्पताल के दहलीज पर छोड़कर परिजन भाग गया था। सदर अस्पताल के डॉक्‍टरों और नर्सों ने वृद्ध महिला को मौत के मुंह से खींच लाया। जिसके अपनों ने उसे छोड़ दिया था, वहीं सदर अस्पताल के ही लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अजीत और सदर अस्‍पताल के सीईओ गरिमा सिंह के प्रयास से आज उस वृद्ध महिला को उसके परिजनों से भी मिला दिया गया। डॉ अजीत खुद महिला के परिजनों को अपनी गाड़ी से नगड़ी के वृद्धाश्रम लेकर गये और उन्‍हें उनके परिजनों से मिलाया। फिर खुद उनके घर तक छोड़कर आए। डॉ अजीत ने बताया कि महिला अपने परिजनों से मिलकर काफी खुश नजर आईं।

बता दें कि 29 अप्रैल को एक वृद्ध महिला को कोई सदर अस्पताल के बाहर छोड़कर चला जाता है। वृद्ध महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। डॉक्टर उनका इलाज शुरू करते हैं। फिर उनकी कोरोना जांच कराई जाती है। 2 मई को इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मगर अस्‍पताल में उनकी देखरेख के लिए उनका कोई अपना नहीं होता है। फिर अस्पताल की डॉक्टर, नर्स उनका अपना बन जाती है। डॉक्‍टर-नर्स सभी मिलकर तन-मन से उनकी सेवा और इलाज करती हैं।

सिस्टर शशि बारला उन्हें नहलाने से लेकर बाल झाड़ने और कपड़ा पहनाने तक पूरी जिम्मेवारी उठाती हैं। पूरी तनमन के साथ सिस्टर ने उनकी सेवा की। वृद्धा के इलाज और देखरेख में डॉ अंशु टोप्पो, डॉ शेरान अली, डॉ ललिता मिंज, डॉ वरुण, सीईओ गरिमा सिंह और एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता ने भी योगदान दिया। सभी के प्रयास और प्‍यार से वृद्धा को ऐसा लगा ही नहीं कि उनका अपना यहां कोई नहीं है। और वह इस घातक कोरोना से जंग जीत गईं। 3 दिन पहले उनकी निगेटिव आई। बुधवार को उन्हें नगड़ी के वृद्धाश्रम में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद डॉ अजीत ने सोशल मीडिया पर महिला के परिजनों की खोज के लिए एक पोस्‍ट डाला और उसके परिजन मिल गए। आज डॉ अजीत खुद उन्‍हें उनके घर तक छोड़कर आए।