Ranchi:करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने वाले को धमकी,गैंगस्टर श्रीवास्तव जैसा हाल करने की मिली धमकी

राँची।इंटरनेट की दुनिया में इंटरनेट से कमाने की चाहत में करोड़ो गंवाया।कम्पनी ठगी कर फरार हो गया।जब कम्पनी के डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया तो कम्पनी के आदमी केस कराने वाले को धमकी देने लगा है।दरअसल,ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ऐप के नाम पर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है।आशंका जताई जा रही है कि इस ऐप के माध्यम से करोड़ों की ठगी हुई है। इस मामले को लेकर राजधानी के लालपुर थाना में मामला दर्ज कराया गया है।मामला दर्ज कराने वाले मनीष कुमार नाम के युवक को गैंगस्टर श्रीवास्तव जैसा हाल करने की धमकी मिल रही है।धमकी देने वाला पेपाइंस कंपनी का जोनल मैनेजर अंशुमन सिन्हा है।बताया गया कि सोमवार को ही इस मामले में कम्पनी का डायरेक्टर समीर सिन्हा को गिरफ्तार किया गया था।इधर एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें अंशुमन सिन्हा ने समीर सिन्हा के बेल के बाद तीन दिनों के भीतर अंजाम भुगतने की धमकी दी है, कहा है कि एक तरफ बेल, दूसरी तरफ ठेल।मनीष के अनुसार उसे फोन कर धमकी दी गई है।

लालपुर थाना में दर्ज हुआ है मामला:

पेपाइंस फाइनेंसियल सर्विस के नाम पर राज्यभर के लोगों से करोड़ों रुपये वसूले गये।साथ ही कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया। इन सभी शिकायतों को लेकर लालपुर थाने में लिखित कंप्लेन की गई है। गौरतलब है कि पेपाइंस फाइनेंसियल सर्विस के नाम से लालपुर थाना क्षेत्र में कार्यालय खोला गया था और कई लोगों को इससे जोड़ा गया। कंपनी के द्वारा दावा किया गया था कि इस फोन ऐप के जरीए आसानी से ऑनलाइन फाइनेंसियल सर्विस, जिसमें कई बिल का भुगतान, ऐप के जरिये सरलता से किया जा सकेगा।रेलवे टिकट, पैन कार्ड बनाने का काम भी शामिल होगा। इसके लिए कंपनी की तरफ से यूजर आईडी और पासवर्ड जेनरेट कर यूजर को दिया जाता था, जिसे पैसे देकर खरीदा जाता था।

तीन महीने गुजर जाने के बाद भी शुरू नहीं हो सका एप:

कंपनी ने अपने एजेंट के माध्यम से डिस्ट्रीब्यूटर बनाए और उनसे लाखों रुपए ले लिये।ऐसे ही लालपुर इलाके में एक डिस्ट्रीब्यूटर से 60 हजार रुपए लेकर उसे कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनाया गया और फिर वहां से कई दुकानों को रिटेल में जोड़ा भी गया।लेकिन एप तीन माह गुजर जाने के बाद भी शुरू नहीं हो सका, जिसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर मनीष कुमार ने कई बार कंपनी के निदेशक को बोला, लेकिन टालमटोल कर उन्हें बैरंग लौटा दिया जाता था। कुछ दिनों बाद कंपनी का ऑफिस तक बंद हो गया।मनीष के द्वारा थाने में शिकायत की गई और फिर उसकी निशानदेही पर आरोपी समीर सिन्हा को गिरफ्तार किया गया।इधर धमकी देने का ऑडियो वायरल हो गया है।