झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू, विपक्ष का जोरदार हंगामा

राँची।झारखण्ड विधानसभा का बजट सत्र 26 फरवरी, 2021 से शुरू हो गया है. सोमवार (एक मार्च, 2021) को बजट सत्र के दूसरे दिन चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया. इस दौरान विपक्ष का जोरदार हंगामा भी रहा. इसी हंगामे के बीच सदन में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने 7323 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया.

सोमवार को बजट सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच भाजपा विधायक वेल तक पहुंच कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. भाजपा विधायकों के विरोध के कारण सदन की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद एक बार फिर जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो दोबारा भाजपा विधायकों ने विरोध करना शुरू किया. इसी हंगामे के बीच चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश हुआ।

जानिए क्या है अनुपूरक बजट
सरकार सदन में अनुपूरक बजट तब पेश करती है, जब विभिन्न योजनाओं के लिए आम बजट पर्याप्त नहीं होता है. लेकिन, इन योजनाओं पर सरकार को खर्च करने के लिए राशि की जरूरत होती है. आम बजट के अलावा अतिरिक्त धनराशि बिना विधानसभा की मंजूरी के खर्च नहीं की जा सकती है. इसके अलावा अगर सरकार द्वारा मंजूर की गयी राशि किसी एक योजना को पूरा करने में काफी नहीं है या फिर किसी नयी सेवा पर जिसके बारे में आम बजट में जिक्र नहीं किया गया है उसके लिए अनुपूरक या अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ती है.

इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि वित्तीय वर्ष बीतने के पहले यदि बजट की अपर्याप्तता दिखाते हुए अतिरिक्त खर्च की मांग संसद में पेश की जाती है, तो यह अनुपूरक अनुदान की मांग कहलाती है. इसके विपरीत यदि उस वित्तीय वर्ष के बीतने के बाद अतिरिक्त खर्च सामने आता है, तो उसके लिए अतिरिक्त अनुदान मांगा जाता है.

मॉनसून सत्र में पहला अनुपूरक बजट हुआ था पेश
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हेमंत सरकार ने विधानसभा के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 2584.82 करोड़ रुपये का पहला अनुपूरक बजट पेश किया गया था. सरकार की ओर से पेश किये गये पहले अनुपूरक में राजस्व खर्च के लिए 2484.05 करोड़ रुपये और पूंजीगत खर्च के लिए 100.77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सबसे अधिक 912.33 करोड़ रुपये का प्रावधान आपदा प्रबंधन विभाग के लिए किया गया था