माओवादियों को हथियार सप्लाई करने के मामले में नक्सली परशुराम समेत पांच से एनआईए कर रही पूछताछ

राँची।बिहार-झारखण्ड के माओवादियों को हथियार सप्लाई करने के मामले की जांच एनआईए कर रही है। एनआईए ने इस मामले में नक्सली परशुराम समेत पांच लोगों पूछताछ कर रही है। एनआईए बिहार के जहानाबाद का रहने वाला नक्सली परशुराम सिंह, संजय सिंह, राकेश कुमार, गौतम कुमार और दानापुर का रहने वाला मो. बहरुद्दीन से पूछताछ कर रही है।एनआईए सभी को दस दिनों के लिए अपनी कस्टडी में ली है।

एनआईए ब्रांच राँची कर रही है मामले की जांच:

हार्डकोर नक्सली परशुराम सिंह बिहार और झारखण्ड के नक्सलियों को हथियार सप्लाई करता था।इसकी जांच एनआईए ने बीते 22 जून 2021 को टेकओवर कर शुरू कर दी है।एनआईए ब्रांच दिल्ली मामले को टेकओवर करते हुए कांड संख्या आरसी 11/2021 दर्ज किया है।एनआईए ब्रांच दिल्ली ने एनआईए ब्रांच राँची को जांच की जिम्मेवारी दी है एनआईए ब्रांच राँची के डीएसपी सुबोध शर्मा के नेतृत्व में मामले की जांच की जा रही है।

नक्सलियों के एक बड़े नेटवर्क का हुआ था खुलासा:

बीते 31 मार्च को नक्सलियों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया था।बिहार एसटीएफ की टीम ने करौना ओपी के बिस्तौल में कार्रवाई करते हुए भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे अरविंद सिंह उर्फ देव कुमार सिंह के नेटवर्क से जुड़े परशुराम सिंह समेत नक्सली सप्लायरों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोट बरामद किए गए थे।जिनमें एक रायफल, 25 जिंदा कारतूस, सात मैगजीन, पांच अर्द्धनिर्मित ग्रेनेड के अलावा 7248 ग्रेनेड के पार्ट्स भी मिले थे. छापेमारी के दौरान 605 डेटोनेटर, प्लाइंट 315 बोर की 1रेग्लुलर राइफल, 7 मैग्जीन, 6 राइफल बोल्ट, 2 वायरलेस सेट, 25 राउंड गोली, पुलिस कमांडों के 3 यूनिफार्म, 1 बंडल तार, आईईडी बनाने के लिए मेटलिक बॉडी, 20 राइफल सीलिंग, ग्रेनेड बनाने के लिए 279 मेटलिक सेल, सेफ्टी फ्यूज, डायनमो, ग्रेनेड का सेफ्टी कैच 685, परक्यूशन कैप 62, स्राइक स्प्रिंग 2, रबर वॉशर 786, नक्सली साहित्य, अर्द्ध निर्मित ग्रेनेड 5, हैंड ग्रेनेड पार्टस 28, ड्रिल मशीन 1, 3 ग्रेनेड लांचिंग बेस बरामद किए गए थे।

बंगाल से भेजा था हथियारों का जखीरा:

जानकारी के अनुसार गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई थी कि इन नक्‍सलियों को बंगाल से निर्मित और अर्द्धनिर्मित हथियार भेजे जाते थे. इन्‍हें पूरी तरह तैयार करके झारखण्ड व बिहार के जंगलों में नक्सलियों को भेजा जाता था. परशुराम सिंह पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए गांव में साधारण मजदूर की तरह रहता था. पूछताछ में यह बात सामने आई की वह लंबे समय से झारखंड के जंगलों में हथियारों की सप्लाई करता था।