बूढ़ा पहाड़ से नक्सलियों का सफाया:DGP पहुँचे बूढ़ा पहाड़ पर,अभियान एडीजी और आईजी सहित अन्य अधिकारी थे साथ में,जवानों को किया सम्मानित,ग्रामीणों से मिले…

राँची।झारखण्ड पुलिस ने पहली बार 30 वर्षों से अधिक समय तक नक्सलियों के कब्जे में रहे बूढ़ा पहाड़ को पूरी तरह मुक्त करा लिया है।कब्जा मुक्त होने के बाद झारखण्ड पुलिस ने पहली बार शुक्रवार को बूढ़ा पहाड़ की चोटी पर एमआइ हेलीकॉप्टर उतारा गया था। इसी दौरान रविवार को डीजीपी नीरज सिन्हा बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचे और उन्होंने अदम्य साहस दिखाने वाले झारखण्ड पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को सम्मानित किया। इस दौरान एडीजी अभियान संजय लाठकर, आईजी अभियान एवी होमकर, समेत कई अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचे डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों ने बूढ़ा पहाड़ पर बने कैंप का निरीक्षण किए। इसके अलावा अधिकारियों ने जवानों का हौसला बढ़ाया और उन्हें पुरस्कृत भी किया। वहीं डीजीपी और अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि नक्सलियों के भय से मुक्त है, और सुरक्षाबलों उन्हे पूरी सुरक्षा भी देगी। नक्सली दोबारा यहां पर ठिकाना ना बना पाए इसके लिए सुरक्षा बलों का यहां कैप स्थापित किया जा रहा है। इस इलाके में अस्पताल स्कूल समेत कई मूलभूत सुविधाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ हो रहा है।

इस मौके पर डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि झारखण्ड पुलिस अन्य सुरक्षाबलों के साथ राज्य से नक्सलियों को खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस कार्य में ग्रामीणों से भी सहयोग की अपील की कहा कि नक्सलियों की सूचना पुलिस को दें। पुलिस लोगों की सहयोग के लिए हमेशा खड़ी है पुलिस-पब्लिक के बीच समन्वय हमेशा होती रही।। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ऑक्टोपस की सफलता के बाद अब पुलिस की अगली प्राथमिकता पारसनाथ पहाड़ है। यहां से भी नक्सलियों को मुक्त करने का विशेष अभियान चलेगा पारसनाथ की ऊपरी चोटी पर अब कैंप स्थापित किया जाएगा।

1990 के दशक में बूढ़ा पहाड़ में नक्सलियों का कब्जा रहा था:

1990 के दशक में बूढ़ा पहाड़ में नक्सलियों का कब्जा रहा था। वहां पर हमेशा सेंट्रल कमेटी के नक्सली रहते थे।जिस कारण वहां नक्सलियों की संख्या अधिक रहती थी।पुलिस ने बीच-बीच में कई अभियान चलाये, लेकिन बूढ़ा पहाड़ पर कभी पूरी तरह कब्जा नहीं हो सका था। वर्ष 2018 के जून माह में अभियान के दौरान जब पुलिस की टीम ने बूढ़ा पहाड़ पर चढ़ने का प्रयास किया, तो नक्सलियों ने आइइडी विस्फोट किया था।