राँची के वाईबीएन यूनिवर्सिटी में परीक्षा में मोबाइल के माध्यम से चोरी करते धराया नर्सिगहोम मालिक का बेटा…..युवक खुद एमबीबीएस है,पिता भी डॉक्टर है….!

राँची।नामकुम के राजा उलहातू स्थित वाईबीएन यूनिवर्सिटी में चल रहे डिप्लोमा इन फार्मेसी की परीक्षा में मोबाइल के माध्यम से चोरी करते एक परीक्षार्थी धराया है।जानकारी के अनुसार युवक का नाम सौरभ कुमार है। सौरभ राजधानी राँची के एक प्रतिष्ठित नर्सिंग होम के मालिक का बेटा बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सौरभ को छुड़ाने के लिए कई वीआइपी लोगों ने छोड़ने की पैरवी तक की।बताया गया कि तीन दिन पहले सौरभ की सगाई हुई थी।सौरभ खुद एमबीबीएस है। उसके पिता और होने वाली पत्नी भी एमबीबीएस है। सौरभ एसपी सिंह कॉलेज ऑफ फार्मेसी का छात्र बताया गया।पुलिस मामले की जांच में जुटी है।बताया जाता है कि सौरभ ने प्रश्न पत्र को पहले मोबाइल से एक ग्रुप में भेजा फिर ग्रुप में सभी प्रश्नों का उत्तर आया और उसी को चोरी कर लिख रहे थे।इसी बीच धरा गया है।फिलहाल जांच जारी है।यूनिवर्सिटी प्रबंधक की ओर से लिखित जानकारी थाना में दी है।पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कारवाई में जुटी है।

जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी में सोमवार को डिप्लोमा इन फार्मेसी के प्रथम वर्ष (2020-22) के फार्मास्युटिकल विषय की परीक्षा सुबह 9 से 12 बजें तक थी। परीक्षा में सौरभ मोबाइल लेकर बैठा था।मौका मिलते ही उसने प्रश्नपत्र का दो बार फोटो लेते दिखा।सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई जिसके बाद कंट्रोल रूम के क्रमी ने इसकी जानकारी पर्यवेक्षक को दी।पर्यवेक्षक ने सौरभ की तलाशी ली तो उसके पास से आइफोन बरामद किया गया जिसकी जांच करने पर पता चला कि सौरभ ने इक्जाम 21 नामक वाट्सअप ग्रुप में प्रश्नपत्र सेंड किया था।जिसकी एडमिन डोली है।ग्रुप के द्वारा प्रश्नपत्र का उत्तर शीट वायरल कर दिया गया। मोबाइल को जब्त करते हुए सौरभ को हिरासत में ले लिया गया।मामले में केंद्राधीक्षक चंद्रजीत कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।

जिस कॉलेज का छात्र था वह उनके पिता का है

जानकारी के अनुसार सौरभ एसपी सिंह कॉलेज ऑफ फार्मेसी का छात्र था।कॉलेज भी सौरभ के पिता सह नर्सिंग होम के मालिक का बताया जा रहा है।

छोड़ने के लिए की जा रही हाई लेवल पैरवी

पकड़े जाने के बाद परिजन उसे छुड़ाने के लिए एड़ी चोटी एक किए हुए थे।सौरभ को छुड़ाने के लिए प्रोजेक्ट भवन, ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी,नेता सहित कई बड़े लोगों ने पैरवी की परंतु कदाचार मुक्त परीक्षा के तहत पुलिस को सौंप दिया गया।