#lockdown:झारखण्ड में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार एक बार फिर से लॉकडाउन लगा सकता है!इसकी संभवना इसलिए भी बढ़ गई है,क्योंकि प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।

राँची।झारखण्ड में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार एक बार फिर से लॉकडाउन लगा सकता है।इसकी संभवना इसलिए भी बढ़ गई है,क्योंकि प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। फिलहाल लॉकडाउन जैसे हालात न आए, इसे लेकर सरकार की ओर से तमाम सख्ती बरती जा रही है। कई तरह के निर्देश भी दिए गए हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखकर लगता है कि इसका कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है। न सिर्फ दिन-ब-दिन संक्रमण बढ़ रहा है, बल्कि मौत की संख्या में भी खासा इजाफा हो रहा है।

लगातार चल रहा है गहन मंथन

सूत्रों की माने तो सरकार के उच्च स्तर के अधिकारी इसे लेकर गहन विचार-विमर्श कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि 31 जुलाई से शुरू हुए कोरोना जांच के विशेष अभियान के नतीजे की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। वैसे भी मूल्यांकन का कार्य सोमवार तक पूरा कर लेने का निर्देश दिया गया है।

7 या 15 दिनों के लिए हो सकता है लॉकडाउन !

माना जा रहा है कि रक्षाबंधन के बाद राज्य में कुछ समय के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लागू हो सकता है। वैसे इस बार अगर लॉकडाउन की नौबत आ भी जाय तो इसकी मियाद ज्यादा नहीं होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये लॉकडाउन एक हफ्ते या फिर ज्यादा से ज्यादा 15 दिनों तक के लिए लगाया जा सकता है। हालांकि सच ये भी है कि इसपर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेना है। क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री से लेकर बाकी मंत्रियों ने भी उन्हें ही इसके लिए अधिकृत किया है।

अनलॉक-03 में दी गई है कई छूट

दरअसल देश की तरह झारखण्ड में भी अनलॉक-01-02 और 03 में कई तरह की छूट दी गई है। हालांकि दूसरे राज्यों की तुलना में झारखण्ड में पहले से ही कई बंदिशें हैं। धार्मिक स्थल से लेकर परिवहन सेवा और मॉल को प्रदेश में अब भी बंद रखा गया है। नाई की दुकान, ब्यूटी पार्लर भी अभी नहीं खोले गए हैं। इसके अलावा राज्य के बाहर से आए कोरोना मरीजों के इलाज पर भी रोक लगा दी गई है। बाहर से आए लोगों के लिए 14 दिनों का होम क्वारंटाइन अनिवार्य किया गया है। कुल मिलाकर सरकार की ओर से कई एहतियात बरते जा रहे हैं जिससे कि लॉकडाउन लगाने की नौबत नहीं आए।

वैसे खबरों की माने तो आर्थिक संकट भी लॉकडाउन में बाधा बन रहा है, क्योंकि आर्थिक गतिविधियां बमुश्किल जो पटरी पर लौट रही है, वो लॉकडाउन के बाद फिर से रूक जाएगी। ऐसे में सरकार के लिए नई और पुरानी योजनाओं को धरातल पर उतारना आसान नहीं होगा। कई ऐसे जरुरी काम भी हैं, जो इस आपदा से जुड़े हैं, लेकिन फंड के अभाव में इस पर भी काम शुरू नहीं हो सका है। बहरहाल संक्रमण की रफ्तार को देखकर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रदेश लॉकडाउन की ओर से जा सकता है, लेकिन इससे पहले सरकार को काफी होम वर्क की जरुरत है। ताकि इस दौरान आर्थिक गतविधियों को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं झेलना पड़े।

झारखण्ड के मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा है ,झारखण्ड में नहीं होगा संपूर्ण लॉकडाउन,लॉकडाउन से जिंदगी बचेगी पर जीविका खत्म हो जायेगी।