LOCKDOWN BHARAT 3-0:घर-घर आयुर्वेदिक काढ़ा पहुँचा रहे स्वयंसेवक, बच्चों के लिए दूध भी बांट रहा आरएसएस..

सुधीर शर्मा, राँची
राँचीः प्रखर हिन्दुत्ववाद के कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि एक कट्टर संगठन के रूप में रही है। अपने कठोर अनुशासन के लिए जाना जाने वाला संगठन इन दिनों एक अलग भूमिका में दिख रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राँची महानगर के कार्यकर्ता लॉकडाउन के आरंभिक दिनों से मीडिया से दूरी बनाकर सेवा कार्यों में जुटे है।
संघ के कार्यकर्ता इन दिनों राँची के सभी परिवारों के बीच आयुर्वेदिक काढ़ा पहुँचा रहा है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय आयुष मंत्रालय के सुझाए गए आयुर्वेदिक काढ़े को संघ के कार्यकर्ता काँके रोड स्थित कार्यालय में तैयार कर रहे हैं। सूखी अदरक, दालचीनी, काली मिर्च और गिलोय के सम्मिश्रण से तैयार होनेवाले काढ़े को संघ के स्वयंसेवक खुद ही तैयार कर रहे है। 16 नगरों के नगर कार्यवाहों के माध्यम से शहर के प्रत्येक परिवारों में 100 ग्राम चूर्ण के पैकेट का वितरण किया जाएगा, जिसे पानी में उबाल कर पिया जा सकता है। साथ ही नगरों में दुधमुँहें बच्चों की भी सूची भी तैयार की जा रही है, ताकि सबों तक गाय का दूध उपलब्ध कराया जा सके। कुछ नगरों में दूध वितरण का कम शुरू हो चुका है, कल से दूध और काढ़ा चूर्ण का वितरण वृहत्त स्तर पर शुरू किया जाएगा।

635 कार्यकर्ता दिन-रात जुटे है सेवा कार्यों में, अबतक 117 यूनिट रक्तदान

संघ की दृष्टि से 16 नगरों में विभाजित राँची शहर के 635 कार्यकर्ता सेवा कार्यों में जुटे है। संघ के सेवा विभाग के माध्यम से कार्यकर्ताओं की टोली को कच्चा राशन, मास्क, सैनिटाईजर एवं दवाईयां लोगों तक पहुँचा रही है। सेवा विभाग के विभाग सेवा प्रमुख कन्हैया कुमार बताते है, कि लॉकडाउन के आरंभ से ही हजारों कार्यकर्ता सेवा देने के लिए सामने आए, स्थिति यह हो गई कि हमें कार्यकर्ताओं को मना करना पड़ा। वो बताते है कि सेवा विभाग 15 बिन्दुओं के आधार पर सेवा कार्य कर रही है। प्रत्येक बिन्दुओं के लिए अलग-अलग कार्यकर्ताओं को प्रमुख बनाया गया है, वो दिए गए सेवा कार्य के लिए उत्तरदायी होते हैं। लॉकडाउन के दौरान 117 स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया है। रक्तदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वयं प्रांत प्रचारक भी रक्तदान कर चुके है।

20 हजार परिवारों तक पहुँचाया है सूखा राशन, डेढ़ लाख भोजन पैकेट का वितरण

15 मई तक संघ के कार्यकर्ताओं के द्वारा राँची के शहरी क्षेत्रों के 20 हजार 224 परिवारों तक सूखा राशन पहुँचाया जा चुका है। सेवा प्रमुख कन्हैया बताते है, कि जरूरतमंद परिवारों की सूची नगर कार्यवाहों के माध्यम से प्राप्त होती है। परिवारों की सदस्य संख्या के अनुरूप राशन के पैकेट तैयार कर पहुँचाया जाता है। वहीं डेढ़ लाख भोजन पैकेट का वितरण भी संघ के स्वयंसेवक कर चुके है। कन्हैया बताते है, कि राशन और भोजन पैकेट के लिए पंडरा स्थित एक विशालाक्षी बैंक्वेट को केन्द्र बनाया गया है, जहाँ स्वयंसेवक ही भोजन बनाने से लेकर राशन पैकेट बनाने का कार्य करते है। सारे सेवा कार्यों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाता है।
आरएसएस ने राशन, भोजन, दवाई अथवा आश्रय संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या के निदान के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-212-8861 जारी किया गया है, जो 24 घंटे काम कर रहा है।