हरितालिका तीज व्रत 2021:पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनों ने रखा निर्जला व्रत

राँची।सुहागिन महिलाओं को भाद्र शुक्ल तृतीया के आने का इंतजार रहता है। गुरुवार को राजधानी राँची सहित अन्य जगहों में सुहागिन महिलाओं ने अन्न-जल त्याग कर हरितालिका तीज व्रत रखा। सुबह से ही व्रती महिलाएं व्रत पूरा करने के लिए सक्रिय रहीं। अखंड सौभाग्य की कामना के साथ किया जानेवाले इस व्रत की तैयारी बुधवार से ही नहाय खाय के साथ ही शुरू हो गई थी। शुक्रवार को व्रत का पारण किया जाएगा। महिलाएं 16 श्रृंगार के साथ मेहंदी रचाई। सजने-संवरने के लिए कई महिलाएं ब्यूटी पार्लर भी पहुंची गई थी।

शास्त्रों के अनुसार बताया कि भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए पार्वती ने इस व्रत को किया था। कई दिनों तक तपस्या भी की थी। तभी से इस पर्व की परंपरा चल रही है। महिलाएं व्रत रखकर पति के दीर्घायु की कामना करती हैं। वहीं कई युवतियां भी अच्छे घर-वर के लिए इस व्रत को करती हैं। दिन भर व्रत रखकर शाम के बाद शिव -पार्वती को फल-फूल और प्रसाद के साथ श्रृंगार की सामग्री भी अर्पित की गई।राँची के नामकुम क्षेत्र के कई निवास स्थलों पर पूजा-अर्चना की धूम रही। वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को मिथिलांचल की महिलाएं चौध चंदा की पूजा करेंगी। देर शाम चांद देखने के बाद उपवास को तोडे़गी। भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा का निर्वाह भी करेंगी।

महिलाओं ने 24 घंटे का निर्जला उपवास रखकर गुरुवार की शाम सामूहिक पूजा अर्चना की।राँची में जगह-जगह महिलाएं समूह बनाकर पूजा करती देखी गई। महिलाओं ने मिट्टी से भगवान शंकर एवं माता पार्वती की प्रतिमा बनाई तथा दूध से स्नान कराकर पूजा अर्चना की।शास्त्रों में शिव पार्वती की जोड़ी सर्वोत्तम जोड़ी मानी जाती है। पार्वती ने अपने पति के रूप में शिव को यूं ही नहीं पा लिया जब वे कुंवारी थी तो उन्हें शिव को पाने के लिए कठिन तपस्या और यह व्रत रखी थी। शुक्रवार की सुबह पारण के साथ व्रत संपन्न होगा। इसके बाद महिलाएं समीप के जलाशय में पूजन सामग्री का विसर्जन करेंगी।