जज हत्याकांड:ऑटो मालिक रामदेव लोहार गिरफ्तार,रामदेव को पकड़ने के लिए पुलिस पिछले दो दिनों से लगातार छापेमारी कर रही थी

धनबाद।झारखण्ड के धनबाद में जज की हत्या मामले में जिस ऑटो से टक्कर मारा गया था उस ऑटो के मालिक को गिरफ्तार किया है।बताया जा रहा है कि पाथरडीह भोरिक खटाल निवासी ऑटो मालकिन सुगनी देवी के पति रामदेव लोहार को शनिवार की रात करीब साढ़े 10 बजे एसआईटी ने नाटकीय ढंग से अपने कब्जे में ले लिया। सुदामडीह पुलिस उसके घर पर छापामारी कर उसे ले गई। रामदेव लोहार को पकड़ने के लिए पुलिस पिछले दो दिनों से लगातार छापेमारी कर रही थी। उससे एसआईटी पूछताछ कर रही है।ऑटो के पुराने चालक बुढ़वा उर्फ गोपाल स्वर्णकार ने खुलासा किया था कि रामदेव लोहार ने ऑटो चालक लखन वर्मा और राहुल वर्मा के साथ मिल कर ऑटो का इंश्योरेंस लेने की साजिश रची थी। रामदेव के कहने पर ही दोनों ऑटो को ठिकाने लगाने गिरिडीह जा रहे थे। हालांकि एसआईटी मान रही है कि रामदेव जज की मौत मामले में कुछ नया खुलासा कर सकता है। यदि साजिशन जज की हत्या हुई है तो रामदेव इस मामले की अहम कड़ी हो सकता है।बताया गया कि पुलिस दबिश के कारण वह अपने घर पर आ गया था। इसकी जानकारी होते ही पुलिस पहुंच गई और उसे पकड़ कर सुदामडीह थाना ले गई। इसके बाद जोड़ापोखर थाना लाया गया, लेकिन पुलिस इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर रही है। बताते हैं कि रामदेव लोहार पर 90 के दशक में लूट और चोरी के कई मामले दर्ज हुए थे। उस पर शराब का गोरखधंधा करने का भी आरोप लग चुका है। वह पहले भी जेल जा चुका है।

अस्पताल में आठ घंटे का सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस

इधर एडीजे 8 उत्तम आनंद की मौत प्रकरण में पुलिस ने शनिवार को एसएनएमएमसीएच का सीटीसीटी फुटेज खंगाला। एडीजे को अज्ञात के रूप में सुबह 5.30 बजे इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच के इमरजेंसी में लाया गया था। शनिवार को पुलिस की टीम एसएनएमएमसीएच पहुंची और यहां एडीजे को लाए जाने से लेकर उन्हें यहां से ले जाए जाने तक का फुटेज लिया है। साथ ही पुलिस ने उनके इलाज के जुड़े कागजात भी लिए। घटना के दिन की सुबह 5.29 बजे से दोपहर लगभग एक बजे तक के फुटेज की जांच हो रही है। एडीजे सुबह 5.29 बजे ऑटो से इमरजेंसी लाए गए थे। उनके साथ आए लोगों ने अंदर जाकर सूचना दी। इसके बाद वार्डब्यॉय स्ट्रेचर में उन्हें माइनर ओटी में ले गए। इसी दौरान ऑटो वहां से चला गया। माइनर ओटी में लगभग एक घंटे तक उनका इलाज किया गया। इसके बाद सर्जिकल आईसीयू में शिफ्ट किया गया था।

इलाज की भी हो रही जांच

सूत्रों के अनुसार अस्पताल में एडीजे को घायलावस्था में लाए जाने के बाद उनके इलाज की भी जांच विभिन्न स्तर पर शुरू कर दी गई है। जरूरत पड़ने पर एसएनएमएमसीएच में उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों और वहां मौजूद कर्मचारियों से भी पूछताछ हो सकती है। इस जांच के क्रम में एडीजे को एसएनएमएमसीएच में लाने के दौरान सबसे पहले किस कर्मचारी ने उन्हें अटेंड किया, किस डॉक्टर ने देखा और क्या इलाज किया गया इसकी भी जांच होगी।इमरजेंसी में भेजने वाले नर्स और लैब टेक्नीशियन (एलटी) से पुलिस ने शुक्रवार की रात लगभग छह घंटे पूछताछ की। बता दें नर्स और एलटी की कोविड ड्यूटी धनबाद स्टेशन पर लगी थी। ड्यूटी खत्म कर दोनों कोर्ट मोड़ के रास्ते वापस अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान गंगा मेडिकल के पास उन्होंने एडीजे को सड़क किनारे गिरा देखा था। इसके बाद वहां मौजूद अन्य लोगों से सहयोग से दोनों ने उन्हें ऑटो में चढ़या और एसएनएमएमएसीएच के इमरजेंसी भेजा था।

फॉर्मेट बना कर सीबीआई को हैंडओवर किया जाएगा मामला
यदि सीबीआई केस का चार्ज लेती है तो एसआईटी अभी तक की जांच को फार्मेट बना कर केस का फाइल एसआईटी सीबीआई को हैंडओवर करेगी। जब तक सीबीआई के चार्ज लेने की आधिकारिक घोषणा नहीं होती तब तक एसआईटी की जांच जारी रहेगी। सीएम की सीबीआई जांच की अनुशंसा के बाद भी एडीजी संजय आनंद लाटकर सहित एसआईटी के अधिकारी धनबाद में जमे हुए हैं।