झारखण्ड के बाल संरक्षण कार्यकर्ता सह चाइल्ड राईट्स फाउंडेशन के सचिव बैद्यनाथ कुमार कुमार को मिला रत्नश्री अवार्ड….

राँची। झारखण्ड के बाल संरक्षण के कार्यकर्ता सह चाइल्ड राईट्स फाउंडेशन के सचिव बैद्यनाथ कुमार को फिर एक अवार्ड मिला है।इस बार नई दिल्ली के एक कार्यक्रम के दौरान “रत्नश्री अवार्ड 2024 से नवाजा गया है। बैद्यनाथ कुमार को यह अवार्ड उनके द्वारा सामाजिक कार्यो के लिए दिया गया है। चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट बैद्यनाथ कुमार को यह अवार्ड करीब दस हजार से ज्यादा बच्चों को मानव तस्करों या अन्य समस्याओं से मुक्त कराने की बड़ी उपलब्धि के लिए दिया गया है।रत्नश्री अवार्ड वितरण कार्यक्रम नई दिल्ली में हुई। यह कार्यक्रम 25 फरवरी दिन रविवार को आयोजित की गई थी।रत्नश्री अवार्ड के लिए कई राज्यों से समाज कल्याण, शिक्षा, साहित्य, उद्योग, खेलकूद, संगीत, राजनीति एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों का चयन किया गया था।

कौन हैं बैद्यनाथ कुमार?

बाल अधिकार और बाल संरक्षण कार्यकर्ता सह चाइल्ड राइट्स फाउंडेशन के सचिव बैद्यनाथ कुमार बताते हैं कि वे 7 वर्ष की उम्र में बिहार के समस्तीपुर से पढ़ाई करने के लिए राँची आए थे, लेकिन गरीबी में माँ-बाप की मजबूरी के कारण 7 वर्ष की उम्र से ही बाल मजदूरी करते करते पढ़ाई किया। इनका बाल्य काल काफी संघर्ष पूर्ण रहा है। ईंट भट्ठा में काम, होटल में चाय पिलाने, जूठे बर्तन आदि धोने का भी काम किया। काम करते करते ही इन्होंने बच्चों के अधिकार को जाना और अब तक करीब दस हजार से अधिक बाल श्रम और ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चे बच्चियों को मुक्त कराया है। झारखण्ड में हज़ार से ज्यादा मानव तस्करी से संबंधित कांड दर्ज करवाने में योगदान दिया है। 500 से ज्यादा प्लेसमेंट एजेंसी जिनकी गतिविधि संदिग्ध थी उनके लिस्ट तैयार कर सरकार को उपलब्ध कराया है कार्रवाई के लिए।बैद्यनाथ कुमार के द्वारा मानव तस्करी में लिप्त तीन दर्जन से ज्यादा किन-पिन कुख्यात मानव तस्कर पन्नालाल,गायत्री साहू, सुनीता देवी, बाबा बामदेव, व अकाश राठी जैसे मानव तस्करों को गिरफ्तार कराने में अहम भूमिका निभाई है। झारखण्ड एवं राज्य के बाहर करीब 200 मानव तस्कर एजेंट को पुलिस ने गिरफ्तार करवाने में अहम भूमिका निभाई है।

अबतक इन अवार्डों से अलंकृत हो चुके हैं बैद्यनाथ कुमार

बैद्यनाथ कुमार के कार्यों को कई मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है। जिनमें लोक सेवा समिति राँची के द्वारा झारखंड रत्न अवार्ड 2016, यूनाइटेड स्टेटस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम 2018, झारखंड इंटेलेक्चुअल फोरम मुंबई के द्वारा झारखंड गौरव अवार्ड 2018, और नेशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया नई दिल्ली के द्वारा रत्न श्री सी सुब्रमण्यम अवार्ड 2019 सहित कई अवार्ड शामिल है।

बैद्यनाथ कुमार को कानून की है अच्छी जानकारी है

पिछले 16 सालों से बैद्यनाथ कुमार मानव व्यापार, बाल तस्करी, बाल मजदूरी, बाल विवाह एवं बाल अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। आज बैद्यनाथ कुमार के बदौलत मानव तस्करी एक सामूहिक मुद्दा बन चुका है। लोगों के सहयोग से तस्करी के मामलों में कमी आई है। बैद्यनाथ कुमार को किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2000, एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख) और संरक्षण अधिनियम 2015, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2018, चाइल्ड लेबर एक्ट 1986, चाइल्ड लेबर एक्ट 2016 एवं 2017 की काफी अच्छी जानकारी है। इन्हीं कानूनों का सहारा लेकर वह अब तक हजारों बच्चों के मदद कर चुके हैं।