Jharkhand:डीएसपी ने आईजी के कहने पर रामगढ़ जिले में स्थित इंलैंड पावर लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों को धमकाया

राँची।झारखण्ड के रामगढ़ जिले में आईजी,एसपी ,डीएसपी के साथ विधायक भी सुर्खियों में है।मामला कोयला लदा ट्रकों को छोड़ने से जुड़ा है।अब एक नया मामला सामने आ गया है बोकारो और संथाल परगना जोन के आईजी प्रिया दुबे पर गंभीर आरोप लगे हैं।आईजी पर आरोप है कि उन्होंने रामगढ़ के डीएसपी किशोर रजक को गोला स्थित इंलैंड पावर लिमिटेड कंपनी में भेजा। डीएसपी ने वहां जाकर पिछले छह माह के कोयले की खरीद के कागजात मांगे साथ ही कंपनी के अधिकारियों को जबरन आईजी के पास ले जाने की कोशिश की।पुलिस मुख्यालय के आदेश पर रामगढ़ के एसपी प्रभात कुमार ने मामले की जांच की।उन्होंने अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी है। आईजी का पक्ष जानने के बाद पुलिस अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है।

डीएसपी ने उन्हें लिखित जानकारी दी थी

इस बारे में आईजी प्रिया दुबे से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि डीएसपी ने उन्हें लिखित जानकारी दी थी कि जिन सात ट्रकों को छोड़ा गया, उस पर लदा कोयला इंलैंड पावर लिमिटेड की थी। तब उन्होंने डीएसपी को वहां जाकर जांच करने के लिये कहा था।

कोयला इंलैंड पावर लिमिटेड के लिये था

जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों रामगढ़ में सात ट्रक कोयला पकड़ा गया था। जिसे जांच के बाद छोड़ दिया गया था। कोयला इंलैंड पावर लिमिटेड के लिये था।इस मामले में ही विधायक ममता देवी ने रामगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये थे. मुख्यालय के निर्देश पर विधायक के आरोपों की जांच हुई. लेकिन जांच में आरोप साबित नहीं हुए।

कंपनी के अधिकारियों को धमकाया

इस बीच आइजी के निर्देश पर रामगढ़ के डीएसपी इंलैंड पावर लिमिटेड पहुंच गये. वहां जाकर कंपनी के अधिकारियों को धमकाया. साथ ही कहा कि सबको चलना होगा आईजी के पास. जांच के दौरान एसपी ने जब डीएसपी से उनका पक्ष लिया, तब डीएसपी ने बताया कि आइजी प्रिया दुबे ने उन्हे कई बार कॉल करके वहां जाने के लिये कहा था। डीएसपी ने कॉल रिकॉर्ड भी दिखाये।

एसपी ने रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी है

इंलैंड पावर के आरोपों की जांच कर एसपी ने जो रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी है, उसमें कंपनी के अधिकारियों के अलावा डीएसपी का बयान भी संलग्न है. रिपोर्ट के अनुसार डीएसपी किशोर कुमार रजक एसपी को जानकारी दिये बिना काम किया। किसी कंपनी में जाकर प्रबंधन के लोगों के साथ अमर्यादित ढ़ंग से व्यवहार करना सही नहीं है. साथ ही डीएसपी के द्वारा बार-बार आईजी का नाम लेकर कंपनी के अधिकारियों के साथ जबरदस्ती करना उनकी छवि को धूमिल करता है।

साभार:s.singh