दारोगा गोलीकांड:इमरोज को जब पकड़ने गई थी पुलिस तब वह दो लोडेड हथियार लेकर भाग निकला था,पुलिस जब उसे गली में ढूंढ रही थी तब दोबारा गोली चलाने का किया था प्रयास

–दोनों स्नैचर भेजे गए जेल

–पत्थलकुदवा में 9000 रुपए किराए देकर रेंट पर पहचान छिपा परिवार के साथ कर रह रहा था।

–अपराधी इमरोज, पुलिस को देखते ही पहले माले से कूद छिप गया था मुहल्ले के गली में
दरोगा का हुआ ऑपरेशन,गोली निकाली गई

राँची।राजधानी राँची के चुटिया थाना के दारोगा सुभाष चंद्र लकड़ा को गोली मारने वाले दोनों चेन स्नैचर इमरोज अंसारी उर्फ बाबू और तौकीद मल्लिक उर्फ शेखू को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया। जेल जाने से पहले पुलिस ने दोनों से पूछताछ की। जिसमें दोनों ने उक्त सोनार के बारे में पुलिस को जानकारी दी है जहां ये स्नैचिंग के बाद सोने का चेन बेचा करते थे। दोनों की सूचना पर पुलिस ने उक्त सोनार के यहां छापेमारी भी की लेकिन वह फरार मिला। इधर घटना के बाद 19 मार्च की देर रात दो बजे जब पुलिस की टीम इमरोज को गिरफ्तार करने पत्थलकुदवा स्थित उसके किराए के घर पर पहुंची थी, तो वह पुलिस को देखकर पहले माले से कूद भाग निकला था। पुलिस की टीम ने पूरे इलाके में घेराबंदी कर रखी थी। करीब तीन घंटे तक पुलिस उसकी तलाश मुहल्ले में करती रही। वह अपने घर से कूदने से पहले एक लोडेड पिस्टल और एक देसी कट्टा अपने साथ लेकर निकला था। वह तैयार था कि उसे जो भी पकड़ने आएगा उसे भी वह गोली मार देगा। पुलिस को चकमा देने के बाद जब वह एक गली के फांक में जाकर छिप गया था। अंधेरे में पुलिस उसे ढूंढ रही थी। जब पुलिस ने उसे ढूंढ लिया तो उसने पुलिस को देख दोबारा गोली चलाने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस की टीम ने सूझबूझ दिखाते हुए उससे दोनों हथियार के साथ दबोच लिया। पुलिस ने जब उसके पास से हथियार जब्त किया तब दोनों हथियार कॉक किए हुए थे।

पहले तौकिद को पुलिस ने पकड़ा फिर इमरोज के ससुर को, तब धराया इमरोज

गिरफ्तार शातिर अपराधी इमरोज काफी चालाक है। वह गुमला का रहने वाला है। लोहरदगा व गुमला में कई अपराध करने के बाद वह चार बार जेल जा चुका है। इसके बाद वह परिवार लेकर रांची आ गया। फिर यहां छिनतई व स्नैचिंग कर रहा था। पुलिस ने पहले तौकीद को हजारीबाग से गिरफ्तार किया। घटना वाले दिन एक अपराधी का मोबाइल छूट गया था। उसी मोबाइल के जरिए पुलिस ने पहले तौकीद को हजारीबाग से पकड़ा। फिर तौकीद की निशानदेही पर पुलिस इमरोज के ससुर के पास पहुंची। ससुर से सख्ती से पूछताछ करने पर उसने पुलिस को बताया कि उसका दामाद इमरोज पत्थलकुदवा में किराए के मकान में रहता है। वहां पुलिस छापेमारी करने पहुंची। पुलिस को उसने उपर से ही देख लिया था और भागने की कोशिश की। लेकिन पुलिस से तीन घंटे तक लुका छिपी करने के बाद वह पकड़ा गया।

पुलिस अधिकारी नहीं रखते हथियार, अधिकांश थाना प्रभारी बॉडीगार्ड के भरोसे

राँची के अधिकांश थाना के प्रभारी हथियार नहीं रखते। जबकि पूर्व में सभी को अपने साथ हथियार रखने का आदेश पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी किया गया था। अधिकांश थाना प्रभारी अपने बॉडीगार्ड के भरोसे ही रहते है। जिस तरह चुटिया में घटना हुई और दारोगा सुभाष चंद्र लकड़ा के पास हथियार होता तो शायद अपराधी पकड़े जाते और वे उन्हें गोली नहीं मार पाते।