#JHARKHAND:दो व्यवसायियों ने जिसपर लगाया कार से 48 लाख चपत करने का आरोप वह निकला मोहनिया डंडवास पंचायत का मुखिया,पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल,पूछताछ में नया तथ्य सामने आया है..

राँची।सदर थाना क्षेत्र स्थित हार्डवेयर दुकान संचालक रमेश अग्रवाल और दवा कारोबारी विनोद ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कर जिसके खिलाफ कार से 48 लाख रुपया चपत कर भागने का आरोप लगाया था।वह बिहार के कैमूर जिला स्थित मोहनिया थाना क्षेत्र के डंडवास पंचायत का मुखिया निकला।पुलिस ने आरोपी मुखिया राजेश प्रजापति और उसका भतीजा नागेंद्र प्रजापति को मोहनिया से गिरफ्तार कर बुधवार को राँची लाई। पुलिस ने आरोपी मुखिया राजेश प्रजापति को गुरुवार को जेल भेज दिया जबकि उसका भतीजा नागेंद्र प्रजापति को कांड में संलिप्तता के साक्ष नहीं मिलने की वजह से थाने से ही छोड़ दिया।पुलिस ने आरोपी मुखिया के पास से 6 लाख रुपया भी बरामद की है।

जेल जाने से पहले पुलिस पूछताछ में मुखिया राजेश प्रजापति ने बताया है कि दोनों व्यवसायियों ने कुल 15 लाख रुपया उसे बिजनस का सामान मुहैया कराने के लिए दिया था। पहले भी वह हार्डवेयर दुकान संचालक रमेश अग्रवाल से पैसा लेकर व्यवसाय करने के लिए मार्बल उपलब्ध करवा चुका है। व्यवसाई रमेश अग्रवाल से उनकी पुरानी जान-पहचान है और वे मोहनिया स्थित उनके पैतृक गांव भी जा चुके हैं। मुखिया राजेश प्रजापति ने पुलिस को यह भी बताया है कि जिस नंबर से व्यवसाई रमेश अग्रवाल से उनकी बातचीत होती थी वह मोबाइल गुम हो गया।यही वजह है कि मोबाइल लगातार बंद बता रहा था।जिसके बाद व्यवसाई ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दिया।

पकड़ा गया मुखिया राजेश प्रजापति ने पुलिस पूछताछ में दावा किया है कि एक कमरे में उनके साथ बैठकर दोनों व्यवसायियों ने खाने पीने के बाद उन्हें 15 लाख रुपया दिया है। जिसे लेकर वे सड़क मार्ग से अपने घर गए हैं। पकड़े गए मुखिया से पूछताछ में मर्जी से व्यवसायियों द्वारा पैसा दिए जाने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अब इस बात में उलझ कर रह गई है कि आरोपी ने गाड़ी से पैसा चुराया था या फिर उसे कारोबार के सिलसिले में दिया गया था।फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।दर्ज प्राथमिकी में दोनों व्यवसाई ने 48 लाख चपत करने की कही थी बात।

पकड़ा गया आरोपी 15 लाख देने की बात स्वीकारा

टेक्निकल सेल और सीसीटीवी फुटेज के सहारे पैसा लेकर भागने वाले आरोपी को पकड़े जाने के बाद पुलिस अब इस बात में उलझ गई है कि आखिर कूल कितना पैसा चपत किया गया था। दर्ज प्राथमिकी में दोनों व्यवसायियों ने 48 लाख रुपया ले जाने की बात कही थी जबकि पकड़े जाने के बाद आरोपी मुखिया राजेश प्रजापति ने कुल 15 लाख दिए जाने की बात को स्वीकार किया है। मुखिया ने पुलिस पूछताछ में दावे के साथ कहा है कि व्यवसाई रमेश अग्रवाल ने मर्जी से उसे एक कमरे में पैसा दिया था। मुखिया ने यह भी बताया है कि अगर किसी के कार में इतनी मोटी रकम रहेगा तो वह गाड़ी से दोनों को उतारे जाने के दौरान कैसे अपना पैसों से भरा बैग नहीं देखेगा।मुखिया द्वारा बताये गए बातों के बाद पुलिस भी असमंजस की स्थिति में पड़ गई है और पूरे मामले की जांच कर इस बात की जानकारी जुटाने में लग गई है कि आखिर कितना पैसा दोनों व्यवसायियों ने दिया था। मालूम हो कि 21 जून को हार्डवेयर दुकान संचालक रमेश अग्रवाल और दवा व्यवसाई विनोद ने सदर थाने में 48 लाख रुपया अपने कार से चपत होने की बात कहते हुए प्राथमिकी दर्ज कराया था। दर्ज प्राथमिकी में दोनों व्यवसायियों ने बताया था कि सस्ते दामों में कोलकाता से सामान दिलाने की बात कहकर उन्हें झांसे में लिया और कार की सीट पर रखा पैसों से भरा बैग लेकर चंपत हो गया। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच करते हुए मुखिया राजेश प्रजापति और उसके भतीजा नागेंद्र प्रजापति को बिहार के मोहनिया से पकड़ी थी।

खुद की कार से अपने भतीजा के साथ राँची पहुचा था मुखिया,इरबा में गाड़ी हो गई थी खराब

पुलिस पूछताछ में मुखिया राजेश ने बताया है कि वह अपने भतीजा नागेंद्र के साथ खुद की कार से राँची पहुंचा था। इरबा के समीप कार खराब हो जाने के बाद वही गाड़ी खड़ी कर भाड़ा गाड़ी से कोकर स्थित हार्डवेयर दुकान पहुंचा था और व्यवसाई से मुलाकात की थी। पैसा मिलने के बाद गाड़ी तक छोड़ने की बात कहते हुए व्यवसाई को इरबा तक ले गया था। वहां से दोनों अपनी कार ठीक कराने के बाद सड़क मार्ग से ही पैसा लेकर मोहनिया पहुंचे थे। राजेश ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया है कि उसके पिता बिजली विभाग में झारखण्ड में ही जेई के पद पर कार्यरत थे जिसकी वजह से वह बहुत पहले से ही राँची आना-जाना कर चुके हैं।

डंडवास पंचायत में दूसरी बार बना है मुखिया, प्रत्येक वर्ष करवाता था कुश्ती प्रतियोगिता :

राँची पुलिस जब टेक्निकल सेल के मदद से छापेमारी करने के लिए डंडवास पंचायत पहुंची तो पता चला कि राजेश प्रजापति इस पंचायत का मुखिया है और वह अपने क्षेत्र में काफी ज्यादा प्रभावशाली है। इसके बाद पुलिस ने उसके बारे में और विस्तृत जानकारी जुटाई तो बताया गया कि राजेश प्रजापति ने लगातार दूसरी बार मुखिया का चुनाव जीता है और लोगों के बीच में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। राजेश प्रजापति के पकड़े जाने के बाद पूछताछ में इस बात की भी जानकारी मिली की वह प्रतिवर्ष बड़े स्तर पर कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन कर आता था जिसमें काफी संख्या में लोग जुटते थे। राजेश ने यह भी बताया कि कुछ वर्ष पहले कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन के दौरान व्यवसाय रमेश अग्रवाल भी उनके पैतृक गांव पहुंचे थे और 3 दिनों तक चलने वाले कुश्ती प्रतियोगिता देखने के बाद वापस राँची लौटे थे।