मादक पदार्थों की तस्करी का कॉरिडोर बना झारखण्ड,राँची के रास्ते उड़ीसा से गांजा और बंगाल से ब्राउन शुगर की हो रही है दूसरे राज्यों में तस्करी….

–गांजा तस्करी का रूट:गांजा संबलपुर, राउरकेला, खूंटी होते हुए राँची होते हुए रामगढ़, हजारीबाग से बिहार, दिल्ली, पंजाब
–अफीम तस्करी का रूट :राँची, खूंटी, चतरा, लातेहार, गढ़वा, सरायकेला, जामताड़ा जिले से अफीम यूपी, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली
–ब्राउन शुगर तस्करी का रूट :बंगाल के मालदा से जमशदेपुर, रांची होते हुए बिहार व अन्य दूसरे राज्यों में पहुंचता है

केस वन:नारकोटिक्स ब्यूरो ने 4 करोड़ रुपए का गांजा करीब 997 किलो रातू के सिमलिया में पकड़ा था। ट्रक से गांजा बिहार के रास्ते राजस्थान जा रहा था। ट्रक से दो लोगो अखिलेश यादव और नंदलाल साह को गिरफ्तार किया था। दोनों ने पूछताछ में बताया था कि गांजा बलांगीर से बिहार होते हुए राजस्थान जा रहा था।

केस टू :पिछले साल भी कस्टम विभाग ने राँची-टाटा मार्ग पर एक ट्रक से लगभग 10 क्विंटल गांजा जब्त किया था। गांजे को ट्रक में भूसे के बोरे में डालकर ले जा रहा था। ट्रक के ड्राइवर गणेश चौधरी और आनंद कुमार को पकड़ा गया था। दोनों ने पूछताछ में बताया था कि गांजा बिहार जा रहा था।

राँची।मादक पदार्थों की तस्करी का कॉरिडोर झारखण्ड बन गया है। राँची के रास्ते उड़ीसा से बड़े पैमाने पर गांजा और बंगाल से ब्राउन शुगर की तस्करी हो रही है। वहीं झारखण्ड के राँची, खूंटी, चतरा, लातेहार, गढ़वा, सरायकेला, जामताड़ा जिले से अफीम यूपी, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली भेजा जा रहा है।राँची तस्करों को मेन रूट हो गया है। इन मादक पदार्थों की तस्करी बड़ी मात्रा में हो रही है। झारखण्ड में पिछले तीन साल के 2021, 2022 और 2023 के आंकड़ों के देखे तो पुलिस और नारकोटिक्स ब्यूरो ने मिलकर 10 हजार किलो से अधिक सिर्फ गांजा पकड़ा है। जिसकी बाजार कीमत देखी जाए तो सिर्फ गांजा 50 करोड़ का पकड़ा गया है। पुलिस व नारकोटिक्स से बचकर इससे कही ज्यादा गांजा बाजार में पहुंच रहा है। 21 किलो अफीम को भी जब्त किया गया है। झारखण्ड में अफीम दो से तीन लाख रुपए किलो तस्कर खरीद कर उसे दूसरे राज्यों में 4 से 5 लाख रुपए किलो की दर से बेचते है।

सबसे अधिक गांजे की तस्करी

जब्ती-2021 2022 2023
गांजा-4780 किलो 2220 किलो 2381 किलो
अफीम-13 किलो 15 किलो 10 किलो

9 हजार रुपए किलो का गांजा, दूसरे राज्य में 50 हजार रुपए किलो में बिकता है

सबसे अधिक गांजा उड़ीसा से निकलकर झारखण्ड के रास्ते बिहार, यूपी, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा जा रहा है। ओडिशा के बलांगीर से गांजा निकलता है। जो राँची के बुंडू नामकुम होते हुए दूसरे राज्यों तक पहुंचता है। ओडिशा में गांजा मात्र 9 से 10 हजार रुपए किलो की दर से मिल जाता है। जो दूसरे राज्यों में पहुंचकर 50 से 60 हजार रुपए किलो के दर से बिकता है। ओडिशा के बलांगीर से गांजा संबलपुर, राउरकेला, खूंटी होते हुए राँची पहुंचता है। फिर यहां से बिहार, यूपी व दिल्ली की ओर जाता है। इसलिए झारखण्ड मादक पदार्थों के लिए कॉरिडोर बन गया है।

बंगला के मालदा से निकलता है ब्राउन शुगर, जमशेदपुर के रास्ते पहुंचता है राँची

ब्राउन शुगर का सबसे बड़ा सप्लायर इन जिनों बंगाल है। बंगाल के मालदा से तस्कर ब्राउन शुगर बेचते है। जिसे लेने के लिए जमशेदपुर के रास्ते तस्कर मालदा पहुंचते है। वहां से ब्राउन शुगर लेकर जमशदेपुर, राँची होते हुए बिहार व अन्य राज्यों में ले जाते है।

मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए सीआईडी गंभीर

मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए अपराध अनुसंधान विभाग गंभीर है। इसे लेकर सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने कहा है कि अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है। ताकि मादक पदार्थों की तस्करी तो रूके ही, अभियुक्तों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई भी हो। इधर नारर्कोटिक्स ब्यूरो भी लगातार छापेमारी कर मादक पदार्थों को जब्त कर रहा है।

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