Jharkhand:एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ सरकार ने विभागीय कार्यवाही खत्म की

राँची।झारखण्ड के एडीजी ट्रेनिंग अनुराग गुप्ता को बड़ी राहत मिली है।सरकार ने एडीजी अनुराग गुप्ता के ऊपर चल रहे विभागीय कार्यवाही को सरकार ने खत्म कर दिया है।इसको लेकर गृह विभाग के द्वारा आदेश जारी किया गया है,जारी किया गया आदेश में कहा गया है कि झारखण्ड में 2016 राज्यसभा चुनाव के दौरान पद का दुरुपयोग कर वोटरों के मताधिकार का प्रयोग करने में हस्तक्षेप करते हुए चुनाव को प्रभावित करने का आरोप प्रथम दृष्टया से सत्य पाया गया।जो अखिल भारतीय सेवाएं यह प्रतिकूल है।इस आरोप की जांच के संबंध में विभागीय कार्रवाई के संचालन के लिए पदाधिकारी की नियुक्ति की गई थी। जांच प्रतिवेदन में अनुराग गुप्ता के खिलाफ अधिरोपित आरोप प्रमाणित नहीं हो पाया। इसलिए सरकार अनुराग गुप्ता को आरोप मुक्त करते हुए विभागीय कार्रवाई का निस्तार किया जाता है।

दो साल से ज्यादा समय से निलंबित हैं अनुराग गुप्ता

एडीजी अनुराग गुप्ता करीब दो वर्षों से ज्यादा समय से निलंबित रहें। 14 फरवरी 2020 को हेमंत सरकार ने एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबित कर दिया था।तब वे सीआइडी के एडीजी थे।उनके खिलाफ राज्यसभा चुनाव 2016 में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को लालच देने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप है।

2016 में राज्यसभा चुनाव के बाद बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो टेप जारी किया था। इस कथित टेप में एडीजी अनुराग गुप्ता, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी, उनके पति योगेंद्र साव के बीच बातचीत की बात सामने आई थी।मामला सामने आने के बाद पूरे मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी. प्रथम दृष्टया जांच के बाद आयोग ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। गृह विभाग के अवर सचिव अवधेश ठाकुर के बयान पर सरकार ने तब मामला दर्ज करवाया था। इस मामले में फरवरी 2020 में अनुराग गुप्ता के निलंबन के बाद राज्य सरकार ने विभागीय कार्रवाई शुरू की थी, जिसके संचालन का जिम्मा तत्कालीन डीजीपी एमवी राव को दिया गया था।एमवी राव ने उन्हें क्लीन चिट दे दिया था।