झारखण्ड:गोड्डा में माँ अंबे कोल ट्रांसपोर्टिंग कंपनी को भगाने के लिए बद्री ने रची थी एजीएम की हत्या की साजिश..

गोड्डा:जिले के महागामा थाना क्षेत्र के ऊर्जा नगर स्थित आवासीय कॉलोनी में 23 जनवरी को अपराधियों ने ईसीएल की ललमटिया परियोजना में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी मां अंबे माइनिंग के एजीएम को गोली मार दी थी. अपराधियों ने कंपनी के एजीएम सोमनाथ चक्रवर्ती को घर में घुसकर गोली मार दी थी. पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिय़ा है।

आउटसोर्सिंग कंपनी मां अंबे माइनिंग के एजीएम की हत्या की साजिश महगामा के रहने वाले बद्री भगत ने साजिश रची थी. दरअसल कोल ट्रांसपोर्टिंग में लगी मां अंबे कंपनी को भगाकर बद्री काम में अपनी कंपनी को लगवाना चाहता था।
इस मामले गोड्डा एसपी शैलेन्द्र बर्णवाल के निर्देश पर गठित एसआईटी की टीम ने बिहार के मुंगेर, बांका और जमुई में छापेमारी कर तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है।गिरफ्तार हुए अपराधियों में नटवर सिंह,बुलटुल सिंह और उदय सिंह शामिल हैं. पुलिस ने इनके पास से एक स्कॉर्पियो,एक पिस्टल,दो देशी कट्टा, तीन जिंदा गोली और चार मोबाइल बरामद किया है।

गौरतलब है कि बुलटुल सिंह और उदय सिंह का आपराधिक इतिहास रहा है और पहले जेल भी ये दोनों जेल जा चुके हैं. मास्टरमाइंड बद्री भगत फिलहाल फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।

बद्री भगत ने रची थी हत्या कि साजिश
गिरफ्तार हुए अपराधियों से पुलिस ने जब पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि महगामा के रहने वाले बद्री भगत ने ही एजीएम सोमनाथ चक्रवर्ती की हत्या के लिए 20 लाख में सौदा तय किया था. बद्री भगत ने हत्या से पहले अपराधियों को 5 लाख रुपया एडवांस दिया था. और बाकी रकम हत्या के बाद देने की बात कही थी।इसके अलावा गिरफ्तार अपराधियों ने ये भी खुलासा किया कि बद्री भगत ने घटना के पहले इन्हें एजीएम का आवास दिखाया था. साथ ही काम में मदद के लिए एक स्थानीय व्यक्ति से भी पहचान करायी थी।अपराधियों ने पुलिस को ये भी बताया कि घटना के दो दिन पहले से वे महागामा आये थे. और वहां बद्री भगत के ट्रैक्टर सर्विसिंग सेन्टर बजरंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में रूके थे. साथ ही कहा कि हत्या से पहले मां अंबे ग्रुप के एजीएम सोमनाथ चक्रवर्ती की हर खोज खबर ली थी. इसके लिए रेकी भी की गयी थी. गिरफ्तार अपराधी उदय सिंह ने पुलिस को दिये बयान में खुद के शूटर होने की बात भी कबूली है।
गिरफ्तार अपराधियों ने खुलासा किया कि पहली बार सोमनाथ चटर्जी की हत्या में वे असफल रहे. क्योंकि पहली बार गोली लगने के बाद सोमनाथ बच गये थे. और दुर्गापुर हॉस्पिटल में इलाजरत थे. साथ ही बताया कि उस दौरान भी इलाजरत सोमनाथ चटर्जी की फिर से हत्या की योजना बना रहे थे।लेकिन इससे पहले ही गोड्डा एसपी शैलेंद्र वर्णवाल को इसके लिए गुप्त सूचना मिली थी. इसी के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी को गिरफ्तार कर लिया।

महगामा से विधानसभा चुनाव लड़ चुका है मास्टरमाइंड बद्री भगत


जीएम की हत्या की साजिश रचने वाला बद्री भगत 2009 में गोड्डा के महगामा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुका है. घटना के बाद बद्री भगत फरार है. बद्री भगत रांची के कांके रोड में रहता है।उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम कांके रोड में भी उसके आवास पर छापेमारी की. लेकिन वह नहीं मिला. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित जगहों पर छापेमारी कर रही है. बद्री की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल पायेगा की हत्या में और कौन- कौन से लोग शामिल हैं।